Essay On Library in Hindi In Hindi : पुस्तकालय पर हिंदी में निबन्ध
Essay On Library In Hindi
पुस्तकालय पर हिंदी में निबन्ध
प्रस्तावना
कहते है कि इंसान की सबसे अच्छी दोस्त किताबें ही होती हैं। और एक प्रेरणादायक किताब 1000 मित्रों से अच्छी अच्छी होती है।क्योंकि हो सकता है आपका सबसे अच्छा दोस्त आपके बुरे समय में आपका साथ छोड़ दें। लेकिन एक अच्छी प्रेरणादायक , सही मार्ग दिखाने वाली किताब आपके बुरे से बुरे समय में भी आपको नेक सलाह दे , जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा ही देती हैं।
क्योंकि ज्ञान ही हमारे बुद्धि विवेक को जगाता है।ज्ञान से ही हमारी सोच समझ में फर्क आता है। हमें अच्छे-बुरे का ज्ञान होता है।जीवन में सदैव अच्छे कर्म करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। यह ज्ञान हमें किताबों से ही मिलता है।
पुस्तकालय का अर्थ
एक ऐसा स्थान या घर जहां पर अलग-अलग विषयों , भाषाओं व लेखकों की किताबों को संग्रह कर रखा गया हो।उसे साधारण भाषा में पुस्तकालय कहा जाता है। पुस्तकालय ही वह जगह हैं जहां पर छोटे बच्चों की कविता-कहानियों से लेकर बड़े-बड़े दर्शनशास्त्र , राजनीति शास्त्र ,अर्थ शास्त्र , पुराने महाग्रंथ , धार्मिक ग्रंथ ,संगीत , कला आदि से जुड़ी हुई किताबें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
पुस्तकालय ही एक ऐसी जगह है जहां पर ढेरों पुस्तकें यानि पुस्तकों का संग्रह बड़े करीने से सहेज कर रखा जाता है।बड़े-बड़े पुस्तकालयों में दुनिया के सभी छोटे -बड़े लेखकों की किताबें , चाहे वह किसी भी भाषा में लिखी हो , आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
पुस्तकालय के प्रकार
पुस्तकालय कई प्रकार के होते हैं जैसे व्यक्तिगत पुस्तकालय , किसी स्कूल या कॉलेज का पुस्तकालय , सार्वजनिक पुस्तकालय , सरकारी पुस्तकालय और डिजिटल पुस्तकालय।
व्यक्तिगत पुस्तकालय
इस तरह के पुस्तकालय किसी व्यक्ति द्वारा अपने व्यक्तिगत प्रयोग के लिए बनाए जाते हैं।इस तरह के पुस्तकालयों का उपयोग भी सीमित लोगों द्वारा ही किया जाता है।जैसे जिस व्यक्ति द्वारा बनाया गया हो। उसके द्वारा व उसके सगे संबंधी , रिश्तेदार या दोस्त आदि के द्वारा ही उपयोग किया जाता हैं।इस प्रकार के पुस्तकालय का प्रयोग बाहरी व्यक्ति नहीं कर सकते हैं।
स्कूल या कॉलेज का पुस्तकालय
ऐसे पुस्तकालय लगभग हर विद्यालय में बनाए जाते हैं। जहां पर उस कॉलेज या स्कूल की शिक्षा या विषयों से संबंधित किताबों का संग्रह रखा जाता है। और जिनका लाभ सिर्फ उस कॉलेज या स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों या शिक्षकों को ही मिलता है। बाहरी व्यक्ति इस तरह के पुस्तकालय से लाभान्वित कम होते हैं।
सार्वजनिक पुस्तकालय
इस तरह के पुस्तकालयों में किताबों का विशाल संग्रह होता है।यहां पर हर तरह की किताबों चाहे वह कोई भी विषय हो , आसानी से उपलब्ध रहती है।इस तरह के पुस्तकालय सभी व्यक्तियों के लिए खुले रहते हैं। यानी इस तरह के पुस्तकालयों का उपयोग कोई भी व्यक्ति कर सकता है।
इस तरह के पुस्तकालयों में हर तरह की किताबें उपलब्ध रहती हैं। और कोई भी इन पुस्तकों का उपयोग कर सकता है। विद्यार्थी वर्ग के लिए इस तरह के सार्वजनिक पुस्तकालय बहुत उपयोगी होते हैं।
सरकारी पुस्तकालय
कुछ पुस्तकालय सरकार द्वारा चलाए जाते हैं।इस तरह के पुस्तकालयों में भी पुस्तकों का विशाल भण्डार होता है।इस तरह के पुस्तकालयों की देखरेख सरकारी स्तर पर की जाती हैं। व किताबें का संग्रह भी सरकार की तरफ से ही किया जाता हैं।
यहां भी लगभग सभी तरह के विषयों की किताबें उपलब्ध रहती हैं। और इस तरह के पुस्तकालयों का उपयोग कोई भी व्यक्ति कर सकता है।
डिजिटल लाइब्रेरी
समय के साथ-साथ लाइब्रेरी या पुस्तकालय का स्वरूप भी बदला है।आज के समय में सबकुछ ऑनलाइन उपलब्ध है , तो पुस्तकालय कहां पीछे।आजकल विद्यार्थियों या पुस्तक पढ़ने के शौकीनों के लिए ऑनलाइन लाइब्रेरी भी उपलब्ध है।जहां पर जाकर आप अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।
पुस्तकालय से लाभ
पुस्तक व ज्ञान का महत्व हमेशा से ही इंसान के जीवन में अत्यधिक रहा है। ऐसे में पुस्तकालय का महत्व भी बढ़ जाता है। जो निम्न है।
- पुस्तकालय ऐसी जगह है जहां पर किताबों का अनूठा व विशाल संग्रह होता है। और जहां पर जाकर कोई भी व्यक्ति ज्ञान अर्जित कर सकता है।
- यह उन लोगों के लिए तो और भी ज्यादा उपयोगी है जो लोग महंगी किताबों का मूल्य नहीं चुका सकते हैं। वो पुस्तकालयों में जाकर इन किताबों से आसानी से ज्ञान अर्जित कर सकते हैं।और जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
- विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय सबसे ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि कई तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं या कॉलेज से संबंधित विषयों की पुस्तकों आसानी से मिल जाती हैं।
- पुस्तकालय में आराम से बैठकर अध्ययन किया जा सकता है। और जीवन में सफलता पाई जा सकती हैं।
- पुस्तकालय एक ऐसी जगह है जहां पर धर्म, जाति कुछ भी मायने नहीं रखती।क्योंकि पुस्तकालय में किसी भी धर्म या जाति का कोई भी व्यक्ति जाकर ज्ञान अर्जित कर सकता है। बशर्ते उसके मन में ज्ञान पाने की लालसा हो।
- विद्यार्थियों , गरीब व पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए तो यह विद्या का मंदिर ही है।
पुस्तकालय की विशेषताएं (Essay On Library)
- पहली और सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पुस्तकालय में हर तरह की पुस्तक आपको आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
- पुस्तकालय का माहौल अमूमन शांत रहता है। वहां पर किसी भी तरह का शोर-शराबा करने की इजाजत नहीं दी जाती है। इसीलिए आप वहां पर शांत और एकाग्र मन से किताबों का अध्ययन कर सकते हैं।
- पुस्तकालयों में हर रोज विभिन्न तरह के ताजा अखबार या पत्र-पत्रिकाएं भी रखी जाती हैं। जिनको पढ़ कर आप हर दिन अपने को अपडेट कर सकते हैं। यानी देश दुनिया की हर खबर की आप हर रोज जानकारी ले सकते हैं।
- पुस्तकें ही हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। इसलिए आप विभिन्न तरह की पुस्तकों को पढ़ने का आनंद उठा सकते हैं। अब वो चाहे दादी नानी की कहानियां हो या कोई भी अन्य विषय हो।
- कुछ पुस्तकालयों में किताबों से ज्ञान अर्जित करने में कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। कुछ-कुछ पुस्तकालयों में शुल्क लिया जाता है। लेकिन वह भी बहुत कम होता है जिसे आप आसानी से चुका सकते हैं।कई पुस्तकालयों में सदस्यता कार्ड भी बनाए जाते हैं।
- पुस्तकालय एक ऐसी जगह होती है जिसमें जाति , धर्म या समाज का कोई बंधन नहीं होता हैं।यहां पर एकता भाईचारे को बढ़ावा मिलता है।
- पुस्तकालय में नए से नए लेखकों व पुराने से पुराने लेखकों की किताबें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। यहां तक कि हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा लिखे गए महाकाव्य व महाग्रंथ भी उपलब्ध हो जाते हैं। जो बाजार में उपलब्ध नहीं होते हैं।
- दुनिया भर के लेखकों की किताबें यहां पर आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
- कुछ किताबे तो काफी महंगी होती हैं जिनको हर वर्ग के लोग आसानी से नहीं खरीद पाते हैं। ऐसी किताबों को लाइब्रेरी में जाकर आराम से पढ़ा जा सकता है।
पुस्तक व पुस्तकालय का महत्व
पुस्तकों का महत्व इंसान के जीवन में सदा ही रहा है। चाहे वह ऋषि-मुनियों का काल हो या आज का समय। किताब मनुष्य के लिए हमेशा ही उपयोगी रही हैं।यह अलग बात है कि हमारे पूर्वजों के पास किताबों का इतना बड़ा संग्रह नहीं होता था। क्योंकि तब किताबें हाथ से लिखी जाती थी यानी हस्तलिखित होती थी।इसीलिए उस समय किताबें सीमित होती थी।
लेकिन आज प्रिंटिंग प्रेस की सुविधा होने से एक ही समय में हजारों किताबें छप जाती हैं।लेकिन उस समय की किताबें आज भी हमारी अमूल्य धरोहर हैं। जो हमें उस समय की जानकारी और जीवन के नैतिक मूल्यों के बारे में बताती हैं।और जीवन में सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।
भारत में कई ऐसे पुस्तकालय हैं जहां पर किताबों का अच्छा संग्रह है।कोलकाता का “राष्ट्रीय पुस्तकालय” भी उन्हीं में से एक है। इसके अलावा गुजरात के बड़ौदा में स्थित “केंद्रीय पुस्तकालय” की गिनती भी भारत के दूसरे नंबर के पुस्तकालय में होती है।
दुनिया के कई देशों में भी कई शानदार पुस्तकालय हैं। अमेरिका का “वाशिंगटन कांग्रेस पुस्तकालय” दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय माना जाता है।दूसरे नंबर पर रूस का “लेनिन पुस्तकालय” आता है।
उपसंहार
इंसान के अंदर ज्ञान प्राप्त करने की लालसा पुरातन समय से ही रही है और हमेशा ही रहेगी। चाहे हम कितनी भी तरक्की कर लें या कितने भी डिजिटल क्यों न हो जायें।पुस्तकालय का महत्व सदैव हमारे जीवन में रहेगा और व्यक्ति की किताबें ही सदैव सबसे अच्छी दोस्त रहेंगी।
व्यक्ति के विकास में किताबों की सदैव अहम भूमिका रही है।क्योंकि शिक्षा ही आदमी के बुद्धि विवेक को खोलती है।और उसका बौद्धिक , सामाजिक और आर्थिक विकास ज्ञान अर्जित करने से ही सम्भव है।
हालांकि जब से अधिकतर चीजें डिजिटल हो गई है। पुस्तकालय का महत्व थोड़ा कम जरूर हो गया है।लेकिन खत्म नहीं हुआ। अच्छे स्तर के पुस्तकालय खोलने और उनमें अधिक किताबों का संग्रह करना आवश्यक है। ताकि पुस्तकालय और अधिक समृद्ध हो सकें। और ज्ञानवर्धक किताबें लोगों तक पहुंच सके।
निबन्ध को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें। YouTube channel link – Padhai Ki Batein / पढाई की बातें
You are most welcome to share your comments.If you like this post. Then please share it. Thanks for visiting.
यह भी पढ़ें……
- Essay on My favorite teacher in hindi
- Essay on corona virus hindi
- Essay on soldier in hindi
- Essay on Holi in Hindi
- Essay on Diwali in Hindi
- Essay on Women Empowerment
- Essay on Organic Farming
- Essay on pollution in Hindi
- Essay on Plastic Bags in Hindi
- Essay on Environment in Hindi