Dol Ashram , Kalyani Baba Ashram Almora , Where is Dol Ashram , Dol Ashram in Almora ,Dol Ashram Lamgada in Almora ,Uttarakhand ,डोल आश्रम उत्तराखंड का पांचवा धाम in hindi
Dol Ashram ,Almora (Uttarakhand)
ड़ोल आश्रम अल्मोड़ा (उत्तराखंड )
शहर की भीड़-भाड़ व दौड़-भाग भरी जिंदगी से बहुत दूर, ऊंचे-नीचे पहाड़ों के मध्य तथा हरे भरे घने जंगलों के बीच में स्थित है ड़ोल आश्रम ( Dol Ashram) ।ताजी खुली हवा,हरे भरे विशाल पेड़ ,पक्षियों का मधुर कलरव तथा यहां का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा कि हर किसी का मन मोह ले।
वाकई में प्रकृति की गोद में बैठे Dol Ashram में आने वाले लोगों के मन को एक अजीब सी शांति का अनुभव होता है।यहां आकर वो अपनी सारी परेशानियों को भूलकर आश्रम व यहां की हरी-भरी वादियों के बीच खो जाते हैं।यह जगह मन को बहुत सुकून और शांति प्रदान करती हैं।यहां आकर लोग अपने आप को एकदम तरोताजा तथा अपने अंदर एक नई सकारात्मक ऊर्जा को महसूस करते है।
नैनीताल एक शानदार पर्यटन स्थल क्यों हैं पढ़िए
श्री कल्याणिका हिमालयन देवस्थानम न्यास कनरा-डोल ( Dol Ashram)
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा ब्लॉक में स्थित यह आश्रम हमारी धनी (Rich)प्राचीन भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की जीती जागती मिसाल है। श्री कल्याणिका हिमालयन देवस्थानम न्यास कनरा-डोल (डोल आश्रम) नाम से जानी जाने वाली यह जगह अपने आप में अद्भुत और अनोखी है।
यहां के मुख्य महंत बाबा कल्याण दास जी महाराज हैं जिनके अनुसार यह सिर्फ एक मठ नहीं है।बल्कि इसको आध्यात्मिक व साधना केंद्र के रुप में विकसित किया जा रहा है।ताकि देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहां पर बैठकर ध्यान व साधना कर सके।
भीमताल एक शानदार पर्यटन स्थल क्यों हैं पढ़िए
विश्व का सबसे बड़ा व सबसे भारी श्रीयंत्र
Dol Ashram की खासियत यह हैं कि यहां पर 126 फुट ऊंचे तथा 150 मीटर व्यास के श्रीपीठम का निर्माण हुआ है। श्रीपीठम का निर्माण कार्य सन 2012 से शुरू हुआ था ।और अप्रैल 2018 में यह बनकर तैयार हो गया।इस श्रीपीठम में एक अष्ट धातु से निर्मित लगभग डेढ़ टन (150कुंतल) वजन और साढ़े तीन फुट ऊंचे श्रीयंत्र की स्थापना की गई हैं।
इस यंत्र की स्थापना के अनुष्ठान 18 अप्रैल 2018 से शुरू होकर 29 अप्रैल 2018 तक चले। इस यंत्र की स्थापना बड़े धूमधाम से की गई।यह विश्व का सबसे बड़ा व सबसे भारी श्रीयंत्र है। और यह आश्रम में मुख्य आकर्षण का केंद्र है ।वैदिक एवं आध्यात्मिक आस्था को एक साथ जोड़ने के लिए इस श्रीयंत्र की स्थापना की गई है।श्री पीठम में लगभग 500 लोग एक साथ बैठ कर ध्यान लगा सकते हैं।
भवाली एक शानदार पर्यटन स्थल क्यों हैं पढ़िए
उत्तराखंड का पांचवा धाम ( Dol Ashram)
उत्तराखंड की देवभूमि अपने चारधाम के लिए तो जानी ही जाती है।लेकिन अब यह आश्रम उत्तराखंड का पांचवा धाम बनने जा रहा है।अपने उद्घाटन भाषण में उत्तराखंड के वर्तमान राज्यपाल डॉ. के.के. पॉल ने कहा कि डोल आश्रम को उत्तराखंड के पांचवें धाम (Dol Ashram) के नाम से पहचाना जाएगा ।
डोल आश्रम में अनेक तरह की सुविधाओं उपलब्ध हैं ।आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रहने व खाने की सुविधा है।तथा यहां पर एक मेडिटेशन हाल भी है। तथा साथ ही साथ यह चिकित्सा सेवा भी उपलब्ध करा रहा है। जिसके तहत एक डिस्पेंसरी खोली गई है। प्रसव पीड़ित महिलाओं को तत्काल सेवा देने के लिए एक एंबुलेंस की सुविधा भी की गई है।
यहां आने वाले मरीजों की जिम्मेदारी को काशी यूनिवर्सिटी से रिटायर्ड डॉक्टर मंजरी जी बखूबी निभा रही हैं। प्रसव पीड़ित महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाता व उनको एंबुलेंस से लाने की विशेष सुविधा की गई है।भविष्य में यहां पूर्ण सुविधायुक्त आधुनिक अस्पताल खोलने की योजना है ।
जनकल्याण कार्यो में विशेष ध्यान ( Dol Ashram)
इस आश्रम में जनकल्याण कार्यो में विशेष ध्यान दिया जा रहा है ।आश्रम में विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा का ज्ञान दिया जाता है ।तथा उनको हमारी प्राचीन भारतीय सभ्यता व संस्कृति से रूबरू कराया जाता है। आश्रम में 12वीं कक्षा तक संचालित संस्कृत विद्यालय को पब्लिक स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है ।
कैंचीधाम एक शानदार पर्यटन स्थल क्यों हैं पढ़िए
कई बच्चों को इस स्कूल में निशुल्क शिक्षा भी प्रदान की जा रही है ।यहां पर बच्चों को देव भाषा व हमारी संस्कृति की पहचान संस्कृत भाषा को सिखाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है ।लेकिन संस्कृत भाषा के साथ साथ बच्चों को कंप्यूटर व अंग्रेजी भाषा का भी अध्ययन कराया जाता है ।ताकि विद्यार्थी किसी से किसी भी क्षेत्र में पीछे न रह जाएं ।
यहां पर विद्यार्थियों को बेहद अनुशासित व संस्कारी ढंग से जीवन जीना सिखाया जाता है। आश्रम में शिक्षा से संबंधित कार्यों को विशेष बढ़ावा देकर इसे शिक्षा हब बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
डोल आश्रम ( Dol Ashram) जहां एक ओर हमारे ऋषि-मुनियों की संस्कृति को संजोए रखने का काम कर रहा है। वही साथ ही साथ आज की आधुनिक टेक्नोलॉजी व ज्ञान को भी अपना रहा है। यह आश्रम प्राचीन भारतीय संस्कृति व आधुनिक भारतीय संस्कृति के बीच में बेहतरीन तालमेल बिठाकर दिन प्रतिदिन उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है।
Dol Ashram ,Almora (Uttarakhand)
You are most welcome to share your comments.If you like this post.Then please share it.Thanks for visiting.
यह भी पढ़ें……
मुक्तेश्वर एक शानदार पर्यटन स्थल क्यों हैं पढ़िए
जानिए मकर संक्रातिं क्यों मनाई जाती है
पढ़िए शानदार Inspirational New Year Quotes (हिंदी में )
सफीन हसन ,युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
पढ़िए 12 Motivational Stories (हिंदी में )