An Essay On India : मेरा देश भारत पर हिन्दी निबन्ध
An Essay On India
मेरा देश भारत पर हिन्दी निबन्ध
Content
- प्रस्तावना (Introduction)
- भारत का इंडिया (India ) नाम कैसे पड़ा।(Origin of India Word)
- भारत के राष्ट्रीय प्रतीक (National Symbols of India)
- मेरे देश भारत की विशेषताएं (Special Feature Of India)
- उपसंहार
प्रस्तावना
भारत मेरा प्यारा देश , मेरी जन्म भूमि , मेरी मातृभूमि। मेरा देश दुनिया के नक्शे पर एशिया महाद्वीप के दक्षिणी भाग पर स्थित है। महाराज दुष्यंत और शकुंतला का वीर व महा प्रतापी पुत्र था भरत। उन्हीं के नाम पर हमारे देश का नाम “भारत” पड़ा। इसे “हिंदुस्तान” भी कहा जाता है।
भारत का इंडिया (India ) नाम कैसे पड़ा।
दरअसल भारत का इंडिया (India) नाम अंग्रेजों की देन है।इंडिया शब्द की उत्पत्ति Indus शब्द से मानी जाती है। और सिंधु नदी को अंग्रेजी भाषा में Indus कहा जाता है। पहले सिंधु नदी के आसपास का पूरा क्षेत्र भारत का ही हिस्सा हुआ करता था। अंग्रेजों ने इसी शब्द को लेकर भारत को इंडिया (India) कहना शुरू कर किया।जो भारत की आजादी के बाद भी अब तक चला रहा है।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक
प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र के कुछ राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह होते हैं , जो उस राष्ट्र की पहचान होते हैं। और वो देश की स्वतंत्रता व सांस्कृतिक गरिमा के प्रतीक भी होते हैं। राष्ट्रध्वज , राष्ट्रगान , राष्ट्रीय चिन्ह राष्ट्रीय पक्षी और राष्ट्रीय पशु आदि ऐसे विशिष्ट प्रतीक चिन्ह है जिनके माध्यम से भारत के राष्ट्रीय स्वरूप की पहचान होती है।
- राष्ट्रीय ध्वज
भारत का राष्ट्रीय ध्वज / झंडा “तिरंगा” है।यह तीन रंगों से मिलकर बना हुआ है। सबसे ऊपर केसरिया जो वीरता , साहस , शौर्य , महानता , त्याग , बलिदान का प्रतीक है। मध्य भाग में सफेद रंग शांति , सात्विकता , निर्मलता का संदेश देता है। और सबसे नीचे हरा रंग जो देश के धन-धान्य ,धरती की उर्वरकता और हरियाली का प्रतीक है।
झंडे के मध्य भाग में एक गोल चक्र बना है जिसके बीच में 24 तिलियां हैं। यह नीले रंग का है। यह चक्र सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया है जो जीवन की गतिशीलता को प्रदर्शित करता है।
2 . राष्ट्रगान
हमारा राष्ट्रगान गुरुवर रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित “जन गण मन” है। जबकि बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित “वंदे मातरम” को राष्ट्रगीत का स्थान दिया गया है।
3 . भारत का राष्ट्रीय चिन्ह
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया है।इसमें 4 सिंह हैं। किंतु चित्र में सिर्फ तीन ही दिखाई देते हैं। इन सिंहों के नीचे घोड़े व बैल के चित्र बने हैं। इन दो चित्रों के बीच में एक चक्र बना है। इसके नीचे “सत्यमेव जयते” लिखा हुआ है। भारत का आदर्श वाक्य भी “सत्यमेव जयते” ही है।
4 . राष्ट्रीय फूल व राष्ट्रीय पक्षी
भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है , तो राष्ट्रीय पक्षी मोर है।
5 . राष्ट्रीय पशु , सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार , राष्ट्रीय फल ,राष्ट्रीय नदी
भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है।इसके अलावा भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार “भारत रत्न” है ।तथा राष्ट्रीय फल के रूप में फलों के राजा आम को मान्यता दी गई है।
6 . राष्ट्रीय नदी व राष्ट्रीय पेड़
भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा , राष्ट्रीय खेल हॉकी और राष्ट्रीय पेड़ बरगद को माना गया है।
मेरे देश भारत की विशेषताएं
यह दुनिया का एक अद्भुत , अनोखा और बहुत सुंदर देश है। जहां अलग-अलग धर्म , संप्रदाय , जाति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं और दुनिया को “अनेकता में एकता” का संदेश देते हैं। इस देश में एक नहीं हजारों विशेषताएं हैं। इनमें से कुछ निम्न है।
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है। भारत के उत्तर में गिरिराज हिमालय सीना ताने खड़े हैं , तो देश के दक्षिण में हिंद महासागर तथा पश्चिम में अरब सागर विराजमान है। पूर्व में बांग्लादेश व ब्रह्मदेश हैं।
- गंगा , यमुना , ब्रह्मपुत्र , सिंधु , गोदावरी , कृष्णा ,कावेरी , नर्मदा आदि हमारे देश की पवित्र पावन नदियां हैं। इन नदियों के कारण ही हमारे देश की भूमि इतनी उपजाऊ है।
- भारत माता के माथे के मुकुट कश्मीर को “धरती का स्वर्ग” कहा जाता है क्योंकि इसकी प्राकृतिक छटा अति सुन्दर व मनोहारी है। इसीलिए यह विश्व भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
- भारत दुनिया का सबसे प्राचीन देश है। इसकी गिनती दुनिया के सबसे पहले सभ्य होने वाले देशों में होती है। यहां की प्राचीन संस्कृति बहुत ही गौरवशाली व समृद्ध है।
- भारत में इस वक्त लगभग 130 करोड़ की जनसंख्या निवास करती है।
- हमारा देश कभी भी सांप्रदायिक व संकुचित विचारों वाला देश नहीं रहा। इसीलिए इस देश में अनेक धर्म , जातियां एक साथ पनपे व फले फूले। यहां के जनजीवन में सदा विविधता के बावजूद एकता रही है। यहां विभिन्न जातियों एवं संप्रदायों के लोग मिलजुल कर रहते हैं।
- भारत के हर प्रांत , हर राज्य में अलग अलग भाषाएं बोली जाती हैं।और हर प्रांत की वेशभूषा , खानपान , रहन-सहन , लोकसंगीत ,लोक संस्कृति बिल्कुल अलग है।
- भारत के पवित्र वेद ,पुराण दुनिया के आदि ग्रंथ माने जाते हैं। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य हमारे देश की शान है।
- भारत प्राचीन काल से ही शिक्षा , कला , व्यापार , संस्कृति आदि सभी क्षेत्रों में सदैव आगे रहा है।
- भारत के लोग मेहनती और ईमानदार होते हैं।
- राम , कृष्ण , महावीर जैन , गौतम बुद्ध , अशोक आदि जैसे महाज्ञानियों , महापुरुषों की यह जन्मभूमि व कर्म भूमि हैं।
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई , वीरांगना पद्मावती , दुर्गावती , अहिल्याबाई , शिवाजी , महाराणा प्रताप , महात्मा गांधी , जवाहरलाल नेहरू , सुभाष चंद्र बोस ,भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद जैसे भारत माता के अनगिनत महान सपूतों ने इस धरती पर जन्म लेकर इसे और भी पावन व पवित्र कर दिया।
- भारत अपने शिल्प कला के लिए भीपूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। अजंता एलोरा की गुफाएं , दक्षिण के सुंदर व भव्य मंदिर , ताज महल , लालकिला , कुतुब मीनार , लोटस टेम्पल आदि यहां दर्शनीय स्थल हैं।
- गोवा , शिमला , मसूरी , नैनीताल , महाबलेश्वर ,स्टैचू ऑफ़ यूनिटी , आदि यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं।
- वैष्णो देवी मंदिर , अमरनाथ , शिर्डी साईं बाबा दरवार ,शिंगणापुर शनि मंदिर , 12 पवित्र ज्योतिर्लिंग , चारों धाम , तिरुपति बालाजी व दक्षिण के सभी भव्य मंदिर आदि अनेक अनगिनत यहां के पवित्र तीर्थ स्थल है।
- देश की राजधानी तो दिल्ली है। लेकिन मुंबई , कोलकाता , चेन्नई , बेंगलूर आदि यहां के प्रसिद्द औद्योगिक एवं व्यवसायिक महानगर हैं।
- लंबे समय तक हमारे देश में अंग्रेजों का शासन रहा। इसके कारण यह देश पिछड़ गया। लेकिन आजादी पाने के बाद से देश लगातार आगे विकास के मार्ग पर चल रहा है। अब तो भारत एक परमाणु संपन्न राष्ट्र बन गया है।
- संसार को आचार-विचार , व्यापार -व्यवहार , ज्ञान विज्ञान आदि की शिक्षा दीक्षा भारत से ही मिली है। क्षमा , उदारता , करुणा की त्रिवेणी इस देश में प्रचीन काल से ही बहती आ रही हैं।
- संयम , सत्यता , त्याग , अहिंसा और विश्व बंधुत्व की भावना सदा भारतीय जीवन के आदर्श रहे हैं।
- यह देश दिन प्रतिदिन विकास के पथ पर अग्रसर है। आज इस देश के वैज्ञानिकों , इंजीनियरों डॉक्टरों , करीगरों की प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया मानती है , और उनके सामने अपना सिर झुकाते हैं।
- आकाश की ऊंचाइयां हों या पाताल की गहराइयां , परमाणु बम बनाने से लेकर मिसाइलों का परीक्षण तक सब में भारत ने अपना परचम फहराया है।
- सबसे महत्वपूर्ण बात अनेक प्रांत होते हुए भी समस्त भारत एक राष्ट्र के सूत्र में बांधा है। संपूर्ण देश की बागडोर संघ (केंद ) सरकार के हाथों में है।
- भारतीय संस्कृति एवं जीवन दर्शन में एकरूपता है।
- भारत बेशक एक कृषि प्रधान देश हैं।यहां की लगभग 70% आबादी आज भी कृषि क्षेत्र पर निर्भर करती है। लेकिन औद्योगिक और व्यापारिक दृष्टि से भी भारत ने अच्छी तरक्की की है
उपसंहार
विविधता में एकता , अनेकता में एकता , वसुधैव कुटुंबकम की भावना यही भारत के मूल सिद्धांत है। दया , ईमानदारी , सत्य , अहिंसा , परोपकार के सर्वश्रेष्ठ मार्ग का ही भारत सदा अनुसरण करता रहा है।दुनिया के सभी देशो ,धर्मों , जातियों , संप्रदायों के लोगों का सम्मान भारत के संस्कारों में ही शामिल है।
आज पश्चिम में विकसित कहे जाने वाले देश भी भारत की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देखते हैं। धीरे-धीरे भारत विश्व के लिए एक शांतिदूत व विश्व गुरु बन कर उभर रहा है। भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। मेरा भारत मुझे मेरे प्राणों से भी अधिक प्यारा है।
जय जननी जन्मभूमि , जय भारत ….. वंदे मातरम।
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