Happy Mother’s Day
Mother’s Day Date , When Mother’s Day is Celebrated , Best Gift for Mothers on Mother’s Day , मातृ दिवस कब और क्यों मनाया जाता हैं in Hindi
Happy Mother’s Day
मां, तुम वंदनीय ,तुम आदरणीय, तुम पूजनीय
Mother’s Day Date
Mother’s Day हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता हैं।
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कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत
मां को प्यार और सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है। मां को सम्मान देने वाले इस दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई। उत्तरी अमेरिका की एना जारविस ने माताओं का दिन या मातृ दिवस को मनाने की शुरुआत की । एना जारविस अपनी मां से बहुत प्यार करती थी । उन्होंने शादी नही की जिस कारण उनका कोई परिवार था।
वो अपनी मां को ही अपनी दुनिया मानती थी । मां की मौत हो जाने के बाद उन्होंने अपनी मां के प्रति अपने प्यार को जताने के लिए इस दिन की शुरुआत की। फिर धीरे-धीरे दुनिया के कई देशों में मदर्स डे मनाया जाने लगा।
कब से मनाया जाता है मदर्स डे (Happy Mother’s Day )
9 मई 1914 को अमेरिकी राष्ट्रपति विड्रो विल्सन ने एक कानून पास किया। जिसमें मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने की बात कही गई थी। जिसके बाद अमेरिका समेत भारत और दुनिया के कई देशों में मदर्स डे (Happy Mother’s Day ) मनाया जाने लगा।
कैसे मनाया जाता है मदर्स डे (Happy Mother’s Day )
वैसे तो मां को प्यार करने के लिए , उनका ध्यान रखने के लिए या उनको सम्मान देने के लिए किसी खास दिन की जरूरत नहीं है। लेकिन मदर्स डे का दिन जरूर हमें हमारे जीवन में मां की अहमियत को समझता हैं । Mother’s Day पर मां के प्रति सम्मान व प्यार व्यक्त किया जाता है
यही वजह है कि हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को दुनिया भर में मदर्स डे (Happy Mother’s Day ) मनाया जाता है। मां को सम्मान देने वाले इस दिन को कई देशों में अलग-अलग महीने की अलग तारीख को भी मनाया जाता है। लेकिन भारत समय ज्यादातर देशों में मई के दूसरे रविवार को ही मदर्स डे मनाया जाता है
मां का दर्जा सर्वोच्च (प्रथम) माना गया है
हमारे पौराणिक धार्मिक ग्रंथों में भी मां का दर्जा इस संसार के सभी रिश्तो में सर्वोच्च (प्रथम) माना गया है। तभी तो कहा गया है।” माता पिता गुरु देवता ” अर्थात दुनिया में सबसे पहला स्थान माता का ही है क्योंकि उसी ने असीम वेदना सहकर हमको इस दुनिया से अवगत कराया।
उसके बाद ही पिता , गुरु व देवता का स्थान माना गया है क्योंकि हम माता पिता के माध्यम से संसार में आते हैं और गुरु हमें उस पर ब्रह्म तक पहुंचने का मार्ग दिखाते हैं । यहां तक कि जब भी भगवान ने खुद इस दुनिया में अवतार लिया है तो संसार में प्रवेश करने का माध्यम हमेशा मां को ही बनाया है।
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मां एक रूप अनेक
“मां” शब्द में दुनिया का हर शब्द , हर एहसास छुपा है । मां तपती रेत में किसी घने पेड़ की छाया या ठंडी हवा के झोंके जैसी शीतलता है तो कहीं निराशा में भी आशा की उम्मीद , अंगुली पकड़कर चलना सिखाती है मां ..तो बुलंदी पर पहुंचने का हौसला भी देती है मां। मां जीवन देती है तो जीवन का पहला सबक भी मां ही सिखलाती है ।
माँ ही जीवन की पहली शिक्षक
जीवन की पाठशाला में पहली शिक्षक मां ही होती है जो नैतिकता, अनुशासन , जिम्मेदारी, रिश्तेदारी ,दुनियादारी ,सच्चाई , ईमानदारी ,परिश्रम का पाठ पढ़ाती हैं ।कभी अपनी डांट-फटकार से कभी अपने प्यार से जीवन की अनमोल सीख हमें दे जाती हैं ।बच्चों के हर राज को पापा से छुपाकर डांट से मां ही तो बचाती है फिर भी सही- गलत का ज्ञान सिखाती है।
धूप में छांव , अंधेरे में रोशनी, बच्चों की हर सांस में मां । मां से ही जीवन की शुरुआत बिन मां के कहां संसार में प्रवेश। मां के पैरों के नीचे जन्नत होती है तो मां का आशीर्वाद कवच है जो हर विघ्न-बाधा से बचाता है। मां की हर दुआ में शामिल होती है बच्चों की खुशियां व शुभकामनाएं। जीवन का कठिन से कठिन सबक बड़ी कुशलता से सिखलाती है मां कभी प्यार से कभी डांट से कभी फटकार से।
माँ ही जीवन की पहली दोस्त
एक बच्चे का अपनी मां से रिश्ता इस संसार में आ आने से करीबन 9 महीने पहले ही बन जाता है। जब बच्चा स्वयं ही अस्तित्व में आता है। मां बच्चे को असीम पीड़ा सहन कर इस संसार में लाती है इस संसार के हर रंग-रूप से उसे वाकिफ कराती है और उसे मुसीबतों से बचाने का प्रयास करती है । जीवन के अच्छे, बुरे हर पहलू के बारे में सिखाती है।
बच्चों के लिए मां जीवन की पहली दोस्त होती है जो अपने बच्चों की कही व अनकही बातों को समझ लेती है यहां तक कि उनके चेहरे के मौन को भी पढ़ लेती है मां ।शायद वह फरिश्ता होती है जिससे हम प्यार करना सीखते हैं क्योंकि मां का प्यार किसी ताजे फूल की सुंदरता से भी ज्यादा खूबसूरत व निस्वार्थ होता है। इसलिए उसके प्यार की कोई कीमत नहीं आंकी जा सकती और जिसका प्रभाव हमारे जीवन में ताउम्र रहता है। हर बच्चा अपनी मां की हर चीज पर अपना अधिकार पैदाइशी समझता है।
बेटियों की सबसे अच्छी सहेली मां
बेटियों के लिए तो मां एक समय बाद सहेली की भूमिका में आ जाती है।उसको जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा के साथ-साथ, घर के कामकाज , समाज के रीति रिवाज ,हमारे संस्कार , जैसे भी हालात हो डटे रहना, संघर्ष, प्यार ,ममता, विश्वास, त्याग , सहनशीलता सब मां ही तो सिखाती है । और आगे चलकर जब वह खुद मां बनती है तो यह सब गुण उसको एक अच्छी मां , एक अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं।आप एक छोटे से बच्चे को ही देख लीजिए जब वह अपने मां के आंचल में छुप जाता है तो वह सोचता है कि वह दुनिया की हर मुसीबत , हर परेशानी से बच गया।
मांओं की भूमिका में आया बदलाव
बदलते समाज में मांओं की भूमिका भी बड़ी तेजी से बदली है । आज की महिलाएं घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं । इसलिए वह बहुत ज्यादा व्यस्त रहती हैं लेकिन इस व्यस्तता के बावजूद भी वह अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखती हैं । उनको पढ़ने , लिखने , अच्छे संस्कार देने , अच्छे बुरे का ज्ञान देने , जीवन में आगे बढ़ने को हमेशा ही प्रोत्साहित करती हैं क्योंकि खुद मां घर से बाहर निकलती है।
इसलिए वह वाकिफ रहती है घर से बाहर मिलने वाली चुनौतियों से , संघर्ष से और आशा व निराशाओं से। इसलिए वह अपने बच्चों को उसी हिसाब से आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं । जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के गुर सिखाती है । चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो तन , मन , धन से बच्चों के साथ पूर्ण समर्पित रहती हैं । वैसे भी एक शिक्षित मां शिक्षा का महत्व समझती है। इसलिए वह अपने बच्चों की शिक्षा का पूर्ण रुप से ध्यान रखती है।
हम इंसानों में ही क्यों जानवरों व परिंदों में भी मां बहुत ही अद्भुत और प्यारी होती है। हम इंसानों की तरह ही जानवर भी अपने बच्चों को प्यार करते हैं उनकी सुरक्षा करते हैं उनको इस संसार में जिंदा रहने की कला सिखाते हैं। परिंदे भी अपने बच्चों की हिफाजत दिलों जान लगाकर करते हैं। उनको हर तूफान से , बर्फीली हवाओं , सर्दी व गर्मी और शिकारियों से बचाते हैं और उनके कोमल पंखों में इतनी शक्ति भर देते हैं कि वह एक दिन उड़ कर दूर खुले आसमान में मां की दिये हौसले से उड़ता चला जाता है।
आज के व्यस्तता के दौर में यह भी एक कठोर सच्चाई है कि बच्चों के पास अपने मां बाप के लिए समय ही नहीं होता। कुछ लोग तो अपनी मां बाप के त्याग, तपस्या , प्यार , ममता सबको भूल जाते हैं और उनको बुढ़ापे में वृद्धाश्रम में छोड़ आते हैं। मैं उन बच्चों से कहना चाहूंगी कि जरा एक पल ठहर के पीछे मुड़कर देखना जीवन में… तब आपको याद आएगा उनका हर संघर्ष , उनका प्यार।
Best Gift for Mother on Mother’s Day
वैसे तो मां का कर्ज शायद ही दुनिया में कोई संतान चुका पाती हो।क्योंकि मां के अनगिनत त्याग , उनका अथाह निस्वार्थ प्यार , उनकी भावनायें , एहसासों का मोल दुनिया की कोई औलाद नहीं चुका सकती । वैसे तो एक मां के लिए सबसे अच्छा उपहार उसके बच्चों का प्यार , उनकी देखभाल और उसका सम्मान ही है। लेकिन हाँ मदर्स डे (Happy Mother’s Day ) पर हम अपनी मां के प्रति अपने प्यार और सम्मान को तो जता ही सकते हैं।
आप अपनी माँ को भी Mother’s Day के दिन उनके प्रति अपने प्यार व सम्मान जताने के लिए उन्हें कुछ गिफ्ट दे सकते हैं।जैसे उनकी पसंदीदा साड़ी या सूट या उन्हें ऐसी कोई भी चीज जो उन्हें बेहद प्रिय हो।उन्हें अपने साथ कहीं बाहर घुमाने ले जा सकते हैं। उनका मन पसंद खाना खिलाने ले जा सकते हैं। वह कहते हैं ना मां का कर्ज इस जन्म में चुकाया नहीं जा सकता।
मां के प्यार ,बलिदान , त्याग तपस्या , उसकी परवरिश के बदले हम चाहे जो भी कर ले वो कम ही होता है। लेकिन मदर्स डे हम सब को जरूर अपनी भावनाओं व अपने प्यार से अपनी मां को अवगत कराने का एक बहाना जरूर देता है।
माँ को दीजिए हर दिन सम्मान
उत्तरी अमेरिका की एना जारविस ने तो Mother’s Day /मातृ दिवस को मनाने की शुरुआत की लेकिन क्या वाकई एक ही दिन काफी है उस महिला के लिए जिसके दिए जीवन को हम जीते हैं । जिसकी बदौलत हम इस दुनिया में आते हैं। उस को धन्यवाद देने के लिए , उनके ऋणौं को चुकता करने के लिए .. क्या यह एक दिन (Mother’s Day) ही काफी है..?
क्या हर दिन हम किसी न किसी रूप में उनका धन्यवाद अदा नहीं कर सकते ? क्योंकि मां कोई भी हो चाहे वह धरती मां हो , चाहे वह देवी मां हो या चाहे अपनी मां हो …यह सब हमें अनिवार्य रूप से व निस्वार्थ भाव से देती ही देती है और हमसे किसी भी चीज की , कुछ भी इच्छा कभी नहीं करती है।
जिंदगी तो जिंदगी लेकिन जिंदगी के बाद भी मां का दिल बच्चों के लिए धड़कता है। इसीलिए शायद ईश्वर ने मां को बनाया है।वह तो अपने बंदों की देखरेख के लिए हर जगह नहीं पहुंच सकता। इसलिए उसने अपने ही रूप को मां के रूप में ढाला ताकि हर इंसान को उसके होने का एहसास हो।
हमारे जीवन के लिए जरूरी हर चीज जैसे अनाज , फल , फूल व अन्य जरूरी चीजें धरती माता हमें देती हैं । हमारी माता हमें इस सुंदर संसार से वाकिफ कराती हैं और इस संसार में जीना सिखाती है और देवी मां अपने द्वार आए किसी भी व्यक्ति को खाली हाथ कभी वापस नहीं भेजती ।
किसी ने ठीक कहा है।
मां धरती …पिता आकाश है।
इन दोनों के बीच में बसता बच्चों का संसार है।
इस मदर्स डे (Mother’s Day ) पर सभी माताऔ को मेरा शत-शत नमन !!!!!
Happy Mother’s Day….
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