Mithaiwala Class 7 Summary : मिठाईवाला सारंश

Mithaiwala Class 7 Summary

Mithaiwala Class 7 Summary

मिठाईवाला कक्षा 7 सारंश

मिठाईवाला कहानी के कहानीकार भगवतीप्रसाद वाजपेयी जी हैं। मिठाईवाला कहानी के माध्यम से वाजपेयीजी ने एक पिता के असीम व निस्वार्थ प्रेम का वर्णन किया है। मिठाईवाला एक ऐसे पिता की कहानी है जिसने दुर्भाग्यवश अपने हँसते – खेलते भरेपूरे परिवार को खो दिया । कभी मिठाईवाले के पास अच्छा खासा व्यवसाय , मकान , घोडा – गाड़ी , नौकर – चाकर थे । पत्नी और दो छोटे प्यारे नटखट बच्चों की हंसी व अठखेलियों से उसका पूरा घर खिला -खिला व भरा रहता था। वह बहुत ही सुखी इंसान था लेकिन वक्त ऐसा बदला कि एकदम सब खत्म हो गया और वह अकेला रह गया।

वह अपने नन्हे बच्चों से बहुत प्यार करता था। इसीलिए अब वह उनकी याद में कभी खिलौनेवाला तो कभी मुरलीवाला और कभी मिठाईवाला बनकर गाँव की गलियों में घूमकर बच्चों को बहुत ही सस्ते दामों में सामान बेचता है। उसे उन बच्चों को देखकर बहुत खुशी होती है। वह उन बच्चों में अपने बच्चों की छवि देखता है और खुश हो जाता है। वह यह काम पैसों के लिए नहीं करता है बल्कि अपने संतोष के लिए करता है क्योंकि उसे उन बच्चों में अपने बच्चों की झलक दिखाई देती है।

कहानी 

गाँव की गलियों में एक खिलौनेवाला बहुत ही मधुर स्वर में “बच्चों को बहलाने वाला , खिलौनेवाला” गाते हुए जा रहा था। उसकी मधुर आवाज सुन गोद में अपने छोटे बच्चों को लिये मातायें अपनी खिड़कियों से नीचे झाँकने लगती हैं और गली – बगीचों में खेलने वाले छोटे – छोटे बच्चों का एक झुण्ड आकर अचानक उस खिलौनेवाले को घेर लेता है। खिलौनेवाला सभी नन्हे – नन्हे बच्चों को उनके मनपसंद के खिलौने देता है और उनसे पैसे लेकर गीत गाता हुआ आगे बढ़ जाता है।

रायविजय बहादुर के बच्चे चुन्नू- मन्नू भी खिलौने लेकर घर आये। चुन्नू- मन्नू की माँ रोहिणी इतने सुंदर खिलौने देखकर सोचने लगी कि खिलौनेवाला इतने सुंदर खिलौने इतने सस्ते दाम में क्यों दे गया होगा। ख़ैर खिलौनों का बात थी सो आई – गई हो गई और रोहिणी अपने काम पर लग गई। 

लगभग 6 महीने बाद गाँव की गलियों में एक मुरलीवाला “बच्चों को बहलाने वाला , मुरलियावाला” गाते हुए जा रहा था। रोहिणी ने भी मुरलीवाले का मधुर स्वर सुना।  स्वर बड़ा जाना पहचाना था। सो रोहिणी पहचान गई कि ये खिलौनेवाले की ही मधुर आवाज है। इस बार फिर बच्चों के एक झुण्ड ने मुरलीवाले को घेर लिया। मुरलीवाले ने सभी बच्चों को सस्ते दामों में मुरली दे दी। उसने उन बच्चों को भी मुरली दे दी जिनके पास पैसे नही थे। रोहिणी ने भी अपने पति से कहकर चुन्नू -मुन्नू के लिए दो मुरली खरीद ली। सभी मुरली बिक जाने के बाद मुरलीवाला आगे बढ़ गया।  

लगभग 6 महीने बाद सर्दियों के दिनों में फिर गाँव की गलियों में एक मिठाईवाला “बच्चों को बहलाने वाला , मिठाईवाला” गाते हुए जा रहा था। नहाने के बाद रोहिणी छत पर अपने बाल सुखा रही थी। उसने भी मिठाईवाले का स्वर सुना । स्वर बड़ा जाना पहचाना था। सो रोहिणी पहचान गई की ये खिलौनेवाले व मुरलीवाले की ही मधुर आवाज है। वह छत से तुरंत नीचे आई । उसने अपनी वृद्ध दादी से मिठाईवाले को बुलाने को कहा । वृद्ध दादी ने उसे बुलाया और मिठाई का मोल भाव करने लगी।

रोहिणी उस मिठाईवाले के बारे में जानने के लिए उत्सुक थी। सो उसने मिठाईवाले से पूछा कि क्या वो इससे पहले यहाँ मुरली व खिलौने बेचने आये था । मिठाईवाले ने हाँ में जवाब दिया। रोहिणी मिठाईवाले से जानना चाहती थी कि वह इतने सस्ते दाम में सामान क्यों बेचता है। इससे उसकी क्या कमाई होती होगी। सो उसने मिठाईवाले से सवाल पूछ लिया। मिठाईवाले ने रोहिणी को बताया कि वह मुनाफा कमाने के लिए सामान नही बेचता है। उसे बच्चों को खिलौने या मिठाई देकर असीम खुशी मिलती है।

उसके बाद मिठाईवाले ने अपने बारे में बताया कि कुछ समय पहले तक उसके पास अच्छा खासा व्यवसाय , मकान , घोडा – गाड़ी , नौकर – चाकर सब थे । पत्नी और दो छोटे प्यारे नटखट बच्चों की हंसी व अठखेलियों से उसका पूरा घर भरा रहता था। वह बहुत ही सुखी इंसान था । लेकिन समय ऐसा बदला कि सब एकदम खत्म हो गया और वह अकेला रह गया।  दुर्भाग्यवश उसने अपने भरेपूरे , हँसते -खेलते परिवार को खो दिया। वह अपने नन्हे बच्चों से बहुत प्यार करता था। इसीलिए अब वह उनकी याद में कभी खिलौनेवाला तो कभी मुरलीवाल और कभी मिठाईवाला बनकर गाँव की गलियों में घूमकर बच्चों को बहुत ही सस्ते दामों में सामान बेचता है। उसे उन बच्चों को देखकर बहुत खुशी मिलती है। वह गाँव के उन बच्चों में अपने बच्चों की छवि देखता है और खुश हो जाता है। धन दौलत तो आज भी उसके पास बहुत है। इसीलिए वह यह काम पैसों के लिए नहीं करता है बल्कि अपने संतोष व खुशी के लिए करता है क्योंकि उसे उन बच्चों में अपने बच्चों की झलक दिखाई देती है। इसके बाद उसने रोहिणी को मिठाई दी और बिना पैसे लिए “बच्चों को बहलाने वाला , मिठाईवाला” गाते हुए आगे बढ़ गया। 

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