National Safety Day in India :
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व ?
National Safety Day in India
चाहे दुनिया का कोई भी देश क्यों ना हो,उस देश की सीमाओं , वहाँ के नागरिकों,महिलाओं और बच्चों की , साथ ही साथ देश की भूमि , पर्यावरण , प्राकृतिक संसाधनों , फसलों , जंगलों, पेड़ पौधों, जीवजन्तुओं तथा जल आदि की सुरक्षा अति आवश्यक है।और अपने देश,वहां के हर नागरिक व समाज की सुरक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
इसी कर्तव्य को निभाने के लिए “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस / सप्ताह ” मनाया जाता है।जहां पर लोगों को अपने और अपने लोगों की, अपने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उनको इस बारे में जानकारी भी दी जाती हैं।
क्या है भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद
4 मार्च 1966 को “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” की स्थापना हुई थी।भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक स्वशासित संस्था है।यह संस्था लोक सेवा के लिए बनाई गई है।राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक गैर लाभकारी और गैर सरकारी संस्था है।इसकी स्थापना “सोसाइटी एक्ट” के तहत 4 मार्च 1966 को मुंबई में की गई।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की स्थापना
4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी। 1972 में “राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद” द्वारा 4 मार्च को “राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस” मनाने का निर्णय लिया गया।इसीलिए 4 मार्च हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।शुरुआत में इसके सदस्यों की कुल संख्या 8000 थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य
कार्य स्थलों पर सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा लोगों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस प्रतिवर्ष 4 मार्च को पूरे देश में मनाया जाता है।4 मार्च 1966 को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई थी।तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए व्यापक चेतना जगाने पर विशेष ध्यान देने सम्बन्धी अपने वक्तव्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत थी।
यह दिवस भारत के उन वीर अमर सपूतों को भी समर्पित हैं।जिन्होंने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की।यह देश इन दिनों भारत माता के इन सपूतों को नमन तथा याद करता है जिन्होंने अपनी मातृभूमि को अपने खून से सींचा है।
देश की सीमाओं के ये प्रहरी (सैनिक) दिन देखते हैं ना रात , धूप देखते ना छांव , भूमि देखते हैं ना ग्लेशियर। बस रात दिन अपने देश की सीमाओं की रक्षा में हर वक्त मुस्तैद रहते हैं ताकि देश में अमन व शांति का माहौल बना रहे।देशवासी चैन की सांस ले सकें और निश्चिंत होकर सो सके।
राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (National Safety Week in India)
भारत में प्रतिवर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।लेकिन यह एक दिवसीय कार्यक्रम ना होकर पूरे एक सप्ताह का कार्यक्रम होता है। यानी राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस अभियान को पूरे एक सप्ताह ( 4 मार्च से 10 मार्च ) तक देशभर में चलाया जाता है।इसीलिए इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (National Safety week) ” के नाम से भी जाना जाता है।
इसमें भारत के सभी नागरिकों को अपनी सुरक्षा तथा देश की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है। साथ ही यह कार्यक्रम विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मनाया जाता है। इसीलिए उद्योगपतियों द्वारा कर्मचारियों /श्रमिकों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएं।
इस बात पर विशेष जोर दिया जाता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस में श्रमिकों को नियमों तथा उनसे जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस हर साल किसी न किसी विषय (थीम) पर आधारित होता है।साल 2019 यानी 48वें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का विषय था।
“Cultivate and Sustain a Safety Culture For Building Nation”।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस इंडस्ट्रीज , ट्रेड यूनियनों , सरकारी और गैर सरकारी संगठनों , स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के द्वारा बढ़े उत्साह से मनाया गया और थीम पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस ?
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस लोगों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।यह दिवस सरकारी ,गैरसरकारी, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बड़े उत्साह से मनाया जाता है।इस दिन सुरक्षा के प्रति जागरूकता से संबधित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
साथ ही साथ राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के मौके पर वाद-ववाद प्रतियोगिताओं,भाषण व निबंध प्रतियोगिताओं ,चित्रकला प्रतियोगिताओं, खेल प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन भी किया जाता है।
नारों,बैनरों,पोस्टरों,संदेशों के माध्यम से भी लोगों को सुरक्षा के प्रतिजागरूक किया जाता है।तथा इस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वालों को सार्वजनिक पुरस्कार वितरण समारोह में सम्मानित कर उन्हेँ प्रोत्साहित किया जाता है।
निजी तथा औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा जागरूकता से संबंधित कई प्रोग्राम किए जाते हैं जिसमें इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को दुर्धटना से बचने के लिए काम करते वक्त बरती जाने वाली सावधानियां तथा आत्म सुरक्षा की जानकारी दी जाती है।
तथा उन्हें सुरक्षा से संबधित ट्रेनिग भी दी जाती है।जैसे मशीनों को सही तरीके से चलाना, रसायनों का सही उपयोग, बिजली तथा अन्य उपकरणों के परीक्षण पर रखी जाने वाली सावधानियां ,आग पर नियंत्रण पाना , दुर्घटना होने पर प्राथमिक चिकित्सा तथा तुरंत सहायता प्राप्त करने संबंधी जानकारी दी जाती है।
आजकल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया,सोशल मीडिया भी इसमें बढ़-चढ़कर सहयोग देते हैं। ये लोगों तक जल्दी से जल्दी अपनी बात को पहुंचाने के सबसे सशक्त माध्यम है क्योंकि लाखों करोड़ों लोगों तक तुरन्त संदेश पहुँचाने के इससे बेहतर कोई और माध्यम नहीं है।
सभी की सुरक्षा है मुख्य मुद्दा
सुरक्षा हर क्षेत्र के लिए जरूरी हैं चाहे वह क्षेत्र आत्म सुरक्षा का हो या देश सुरक्षा का।इसके साथ ही कार्यस्थलों की सुरक्षा,औद्योगिक क्षेत्र में कर्मचारियों/श्रमिकों की सुरक्षा , नारी सुरक्षा , स्वास्थ्य तथा बीमारियों से सुरक्षा , पर्यावरण की सुरक्षा,सड़क में सुरक्षा , खाद्य पदार्थों की सुरक्षा,स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने जैसे कई अहम मुद्दे भी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का लाभ
- अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के बारे में कर्मचारियों तथा लोगों को जानकारियां दी जाती हैं।
- दुर्घटना हो जाने पर तुरंत सहायता तथा प्राथमिक उपचार हेतु जानकारी दी जाती है।
- कर्मचारियों को उनके अधिकारों तथा कानून संबंधी जानकारी दी जाती है।कंपनी मालिकों ,उद्योग पतियों को भी इसमें सहभागी बनाया जाता है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस देश की सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों तथा देश के उन वीर सैनिकों को भी समर्पित है जो देश की सुरक्षा के लिए हर वक्त तैनात रहते हैं।जिनकी वजह से यह पूरा देश सुरक्षित है।तथा लोग इस देश में अमन और चैन से रह सकते हैं।
- विभिन्न मुद्दों (जैसे स्वास्थ्य , पर्यावरण , नारी सुरक्षा , स्वच्छता सहित अनेक सामाजिक मुद्दों) पर लोगों को सुरक्षित रहने के बारे में बताया जाता है।तथा लोगों को इन विषयों पर जागरूक किया जाता है।
- भयंकर बीमारियों से सुरक्षित रहने तथा बीमारियों को कैसे दूर रखा जाए और बीमारी होने पर उससे बचाव के उपाय की जानकारी लोगों को दी जाती है।लोगों को स्वच्छ रहने तथा स्वस्थ रहने , संतुलित आहार लेने सही,खानपान के तरीके अपनाने,मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन न करने के बारे में बताया जाता है।क्योंकि स्वास्थ्य सुरक्षा भी एक अहम सुरक्षा है।
- हमारे देश में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा बनता जा रहा है।राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह में खासकर महिलाओं और बच्चियों को सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले घटनाओं से आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाते हैं।तथा उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए सदैव सतर्क रहने,सावधान रहने तथा तुरंत सहायता प्राप्त करने संबंधी जानकारियां प्रदान की जाती है।
- गरीब तथा निम्न तबके/वर्ग के लोगों को उनकी आजीविका बढ़ाने तथा उन्हें एक गरिमामय जीवन जीने तथा उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की तरफ भी कदम बढ़ाए जाते हैं क्योंकि यह वर्ग सदैव आर्थिक रूप से असुरक्षित रहता है जिसके पास अपने जीवन जीने के लिए कोई ठोस योजना नहीं होती।
- चाहे वह सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र हो या कार्य क्षेत्र या कोई अन्य। सभी क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक उपकरणों तथा नई टेक्निोलाजी का प्रयोग,उनके बारे में जानकारी तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने को बढ़ावा दिया जाता है।सुरक्षा में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को विशेष महत्व दिया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस / सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य एक स्वस्थ्य व सुरक्षित भारत का निर्माण करना है।चाहे वह क्षेत्र कोई भी क्यों न हो।क्योंकि स्वस्थ व सुरक्षित भारत ही विकास व प्रगति के पथ पर निर्बिघ्न रूप से आगे बढ़ सकता है।
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