What is Digital Locker :
What is Digital Locker
डिजिलॉकर या डिजिटल लॉकर क्या है ?
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत को “डिजिटल इंडिया” बनाने का सपना देखा है जिसमें अधिक से अधिक सेवाओं को इंटरनेट से जोडे जाने का प्रयास किया जा रहा हैं तथा शहर हो या गांव हर जगह इंटरनेट सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं की जानकारी व लाभ हर व्यक्ति तक जल्दी से जल्दी पहुंच सके । इन सेवाओं के तहत ई-अस्पताल , ई -बस्ता , डिजिटल इंडिया कार्यक्रम , डिजिटल लॉकर जैसी अनेक योजनाओं का शुभारभ्भ किया गया हैं।
डिजिटल लॉकर या Digilocker में दस्तावेजों को रखना है आसान
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना “डिजिटल इंडिया” के तहत डिजिलॉकर या डिजिटल लॉकर कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। डिजिटल लॉकर / Digital Locker यानी एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक तिजोरी जहाँ पर व्यक्ति अपने प्रमाण पत्र की छायाप्रति को सुरक्षित रख सकता हैं।
स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम क्या है जानें
भारत सरकार के “संचार एवं आईटी मंत्रालय” के द्वारा जारी वेबसाइट https://digitallocker.gov.in में कोई भी व्यक्ति अपना अकाउंट बना कर अपने सारे दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र , मेडिकल रिपोर्ट , पासपोर्ट , पैन कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस , मतदाता पहचान पत्र आदि को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकता हैं। इसे ई- डॉक्यूमेंटेशन (डिजिटल स्वरूप) भी कहते हैं।
इसकी खास बात यह है कि एक बार इस डिजिटल लॉकर में दस्तावेजों के अपलोड हो जाने के बाद जहाँ कहीं भी आपको अपने प्रमाण पत्रोंं को दिखाने या भेजने की जरूरत हो। तो वहां पर दस्तावेजों की मूल कागजी प्रतिलिपि के स्थान पर डिजिटल लॉकर में बने अपने अकाउंट का यूआरएल (URL) दे सकते हैं।
इस तरह से भारतीय नागरिकों को अब हर जगह अपने फिजिकल दस्तावेज या कागजी दस्तावेजों को लेकर घूमने की जरूरत नहीं है।डिजिटल लॉकर लोगों की इसी समस्या का समाधान करता हैं।
डिजिटल स्वरूप क्या है ?
डिजिटल स्वरूप का मतलब है कि मूल कागजी प्रतिलिपि को स्कैनर द्वारा स्कैन कर उसके चित्र या छाया प्रतिलिपि को कम्प्युटर में स्टोर कर लिया जाता हैं।तत्पश्चात उसको इंटरनेट के माध्यम से वेबसाइट / वेबपोर्टल में बने अपने अकाउंट में अपलोड कर दिया जाता हैं।
इस छाया प्रतिलिपि को किसी भी समय, कहीं से भी सुरक्षित तरीके से अपलोड व online शेयर किया जा सकता हैं। इस प्रकिया में मूल कागजी प्रति व्यक्ति के पास ह़ी रहेगी।
ट्रेन 18 और ट्रेन 20 के बारे में जानिए
डिजिलॉकर या डिजिटल लॉकर अकाउंट बनाने के लिए
डिजिटल लॉकर में अकाउंट बनाने के लिए व्यक्ति के पास भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड होना अनिवार्य हैं।बिना आधार नंबर के यह अकाउंट नही खुल सकता हैं।क्योंकि आधार कार्ड अंक डालकर ह़ी डिजिटल लॉकर में अपना अकाउंट खोला जा सकता है। अकाउंट बनाने के लिए सरकार द्वारा अधिकृत बेवसाइट https://digitallocker.gov.in को open करना है।
पंजीकरण करने के लिए आपको मुख्यपृष्ठ पर “अभी रजिस्टर करें ” में क्लिक कर दिये गये निर्देशो के अनुसार सही जानकारी भर कर उसे सबमिट कर देना हैं।इस तरह अकाउंट खुल जायेगा और एक बार अकाउंट खुल जाने के बाद दस्तावेजों को अपलोड कर सकते हैं।
डिजिलॉकर या डिजिटल लॉकर अकाउंट बनाने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता क्यों ?
आधार कार्ड भारत सरकार के द्वारा जारी किया जाता है। यह सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही जारी किया जाता है और किसी भी व्यक्ति को आधार कार्ड जारी करने से पहले भारत सरकार द्वारा पूरी जांच-पड़ताल की जाती है।सभी जरुरी दस्तावेजों के सही पाये जाने के बाद ह़ी व्यक्ति को आधार कार्ड जारी किया जाता है।और व्यक्ति से सम्बन्धित सभी जानकारियों सरकार के पास सुरक्षित रहती हैं।
इसीलिए आधार कार्ड से दुरुपयोग होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।जिस व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं हैं वह व्यक्ति डिजिटल लॉकर का उपयोग नहीं कर सकता है। डिजिटल लॉकर को सिर्फ वही व्यक्ति खोल सकता है जिसके पास आधार कार्ड हो । आपका ईमेल आईडी व मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।
डिजिलॉकर या डिजिटल लॉकर कितना सुरक्षित है ?
Is Digital Locker Safe अगर आपके मन में यह प्रश्न आ रहा है तो इसका जबाब है । हाँ…यह पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं क्योंकि यह बेबसाइट (https://digitallocker.gov.in) भारत सरकार के “संचार एवं आईटी मंत्रालय” के द्वारा जारी की गयी हैं।यह बेबसाइट पूरी तरह सरकार की निगरानी में रहती हैं।
डिजिटल लॉकर Locks
सरकार के द्वारा बनाया गया यह लॉकर एसएसएल (SSL) के द्वारा एचटीटीपीएस (https://) सुरक्षा प्रणाली से सुरक्षित किया गया है जो कि इस बक्त वेबसाइट के लिए सबसे अधिक सुरक्षित माना जाता है।
(हरे ताले का निशान https://digitallocker.gov.in मे http में (s) लगा हैं।इसका मतलब अंग्रेजी का शब्द secure से है यानी सुरक्षित।और http से पहले हरे ताले का निशान बना होता है तो इसका मतलब है कि यह सुरक्षित है। अगर हरे ताले का निशान नहीं आता है तो समझ लीजिए कि यह वेबसाइट फर्जी है।
विशेषताएं
- सिर्फ वही व्यक्ति डिजिटल लॉकर में अकाउंट बना सकता हैं जो भारत का नागरिक हो।
- डिजिटल लॉकर बनाने के लिए भारत सरकार के द्वारा जारी किया आधार कार्ड अनिवार्य है।
- डिजिटल लॉकर में निशुल्क अकाउंट बनाये जाते हैं।
- ये पूरी तरह से सुरक्षित हैं क्योंकि यह वेबसाइट सरकार की निगरानी में रहती हैं।
- डिजिटल लॉकर में लोग कहीं से भी और कभी भी अपने दस्तावेजों को अपलोड व online साझा कर सकते हैं।
- किसी भी सरकारी काम/आफिस जहां पर प्रमाणित दस्तावेजों को देना अनिवार्य है। वहां मूल प्रति देने के बजाय आप अपने लॉकर का यूआरएल (URL) दे सकते हैं।जिससे सम्बन्धित अधिकारी इन प्रमाण पत्रों को आराम से देख सकते हैं।
- भारत के “संचार एवं आईटी मंत्रालय” की शाखा “इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग” ने जुलाई 2015 में डिजिटल लॉकर का बीटा संस्करण जारी किया था। इसी बीटा संस्करण का नाम “डिजिलॉकर / Digilocker” रखा गया है। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है।
- डिजिटल लॉकर में अकाउंट बनाने के लिए हर व्यक्ति को 1 GB का स्पेस (Cloud Storage Space) मिलता है।जहां पर आप अपने दस्तावेजों को अपलोड कर सुरक्षित कर सकते हैं।
- pdf , jpg , jpeg , bmp फारमेट की फाइलों को अपलोड किया जा सकता हैं।
- कोई भी व्यक्ति किसी भी पंजीकृत एजेंसी या विभाग को अपने डाक्यूमेंट्स बड़ी आसानी से भेज सकता है। डॉक्यूमेंट को ईमेल के माध्यम से भी साझा किया जा सकता है।
- सरकारी आफिसों में कागजी दस्तावेजों को संभालना का काम कम हो जायेगा।
- अगर किसी ब्यक्ति को कोई भी दस्तावेज (जैसे पासपोर्ट या पैन कार्ड) बनाना हो तो उस बक्त अन्य जरुरी दस्तावेजों को कागजी रूप में जमा करने के बजाय आप अपने डिजिटल लॉकर का URL दे सकते हैं । इससे ब्यर्थ के परेशानियों से बचा जा सकता हैं।
- डिजिटल लॉकर में कोई भी व्यक्ति अपना डाटा बिलकुल सुरक्षित रख सकता है क्योंकि इसमें धोखा देने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है। इसमें वाईफाई (Wi-Fi) एक्सेसिबल नहीं है और डाटा को भी किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शेयर नहीं किया जा सकता जो संपर्क में ना हो।
डिजिलॉकर या डिजिटल लॉकर का मुख्य उद्देश्य
डिजिटल लॉकर योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी एजेंसी में ऑनलाइन डॉक्युमेंट (ई-डॉक्यूमेंटेशन) के आदान-प्रदान में जोर देना।तथा कागजी दस्तावेजों (फिजिकल दस्तावेज) की निर्भरता को कम करना।यानी मूल कागजी प्रतिलिपि के उपयोग को कम करके ज्यादा से ज्यादा छाया प्रतिलिपि को यानी कि ई-डॉक्यूमेंटेशन का उपयोग करना है।
साथ ह़ी साथ कागज के उपयोग को कम करके सरकारी विभागों के प्रशासनिक भार को कम करना हैं।तथा विभिन्न एजेंसियों के बीच में ई- दस्तावेजों (ई-डॉक्यूमेंटेशन )के आदान-प्रदान को समक्ष करना हैं।
लोगों का जुड़ाव
वैसे पूरे देश के लोग खासकर युवा वर्ग इस डिजिटल लॉकर में अपने डॉक्यूमेंट को सुरक्षित रखने को खासी उत्साहित दिख रहे हैं लेकिन जुलाई 2015 को शुरू हुए इस कार्यक्रम में सबसे ज्यादा जोश हरियाणा के लोगों में दिखा । हरियाणा में पहले सप्ताह में ह़ी करीबन 30 हजार लोगों ने डिजिटल लॉकर खोले।इस लॉकर का उपयोग सिर्फ युवा ही नहीं सरकारी कर्मचारी व अधिकारी भी कर रहे हैं।
अन्य राज्यों में भी युवाओं द्वारा इस डिजिटल लॉकर का उपयोग किया जा रहा है। कई प्रदेशों की सरकारों द्वारा “डिजिटल लॉकर जागरूकता अभियान” भी चलाया जा रहा है जिसके तहत अनेक कार्यशालाओं का आयोजन कर लोगों को डिजिटल लॉकर के फायदे, उनकी उपयोगिता, उनको खोलने का तरीका बताया जा रहा है।
खासकर विद्यार्थी इस कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साहित हैं।मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक लाख लोगों का डिजिटल लॉकर खोलने जाने का लक्ष्य रखा है। पूरे देश में सभी राज्यों के लोगों ने डिजिटल लॉकर में विशेष उत्साह दिखाया हैं।
डिजिलॉकर या डिजिटल लॉकर से लाभ
- सारे डॉक्यूमेंट ऑनलाइन होने की वजह से आप डॉक्यूमेंट को आराम से शेयर कर सकते हैं।
- यह सुबिधाजनक होने के साथ-साथ समय की बचत भी करता हैं।
- दस्तावेजों की प्रमाणिकता को मान्य करना आसान बनाता हैं क्योंकि उन्हें सीधे पंजीकृत जारीकर्ताओं द्वारा जारी किया जाता हैं।
- अपलोड दस्तावेजों को व्यक्ति e-Sign सुबिधा के द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर कर उन्हें प्रमाणिक कर सकता हैं।
- कोई भी व्यक्ति डिजिलॉकर में अपना अकाउंट बना कर अपने सारे दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र,शैक्षिक प्रमाण पत्र , मेडिकल रिपोर्ट , पासपोर्ट , पैन कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस , मतदाता पहचान पत्र आदि को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकता हैं।
- कागज रहित (Paperless) कार्यप्रणाली व शासन व्यवस्था को ध्यान में रख कर बनाई गयी यह योजना दस्तावेजों व प्रमाण पत्रोंं को डिजिटल तरीके से जारी करने की डिजिलॉकर एक बेहतरीन जगह हैं।
- ई-डॉक्यूमेंट की प्रमाणिकता सुनिश्चित करके फर्जी दस्तावेजों के उपयोग को खत्म करना।
- भारतीय नागरिकों को अब हर जगह अपने फिजिकल दस्तावेज या कागजी दस्तावेजों को लेकर घूमने की जरूरत नहीं है।डिजिटल लॉकर लोगों की इसी समस्या का समाधान करता हैं।
डिजिटल लॉकर Website – https://digitallocker.gov.in
हिंदी निबंध हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें । YouTube channel link – (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)
You are welcome to share your comments.If you like this post then please share it.Thanks for visiting.
यह भी पढ़ें ..
- UAPA बिल 2019 क्या है जानें विस्तार से ?
- Fit India Movement क्या है ?
- नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 क्या है?जानें
- क्या हैं इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम ?
- क्या हैं आयुष्मान भारत योजना ?
- क्या हैं मेक इन इंडिया प्रोग्राम ?
- क्या हैं सुकन्या समृद्धि योजना?
- क्या हैं स्टार्टअप और स्टेंडअप योजना?
- भारत के नये केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बारे में?
- क्या है अनुच्छेद 371 जानें विस्तार से ?