UAPA Bill : UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 क्या है?

UAPA Bill :

विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक 2019 

Unlawful Activities Prevention Amendment Act ( UAPA Bill)

UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 , देश की एकता,अखंडता और संप्रभुता को हर हाल में बचाए रखना जरूरी है। इसके लिए देश के विरुद्ध होने वाली किसी भी देशविरोधी गतिविधि पर अंकुश लगाना बेहद आवश्यक है।और यह केवल कड़े नियम कानूनों को अपना कर ही किया जा सकता है। देश में होने वाली किसी भी आतंकी गतिविधि को रोकने तथा उनमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी करवाई करने के लिये केंद्र सरकार ने एक नया विधेयक UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 बनाया है।

आतंकवाद ना सिर्फ भारत की समस्या है। बल्कि यह धीरे-धीरे पूरे विश्व की समस्या बन गया है। दुनिया का हर देश आतंकवाद के इस नासूर से परेशान है। और सभी अपने अपने स्तर पर इन आतंकवादियों तथा आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं।

इस संदर्भ में दुनिया के कई बड़े व ताकतवर देश वैश्विक स्तर पर भी इस आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।भारत भी इसमें अपनी भूमिका बढ़चढ़ कर निभा रहा हैं क्योंकि भारत अपनी आजादी के समय से ही आतंकवाद से परेशान है।

UAPA संशोधन विधेयक बिल का उद्देश्य

UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019  का मुख्य उद्देश्य देश के विरुद्ध होने किसी भी गतिविधि पर अंकुश लगाना है। यह बिल आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानूनों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 के अनुसार सरकार किसी भी संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर सकती है।

इसके अलावा सरकार व्यक्तिगत रूप से भी किसी शख्स को भी आतंकवादी घोषित कर सकती हैं। अगर वह किसी आतंकवादी गतिविधि में शामिल हो तो।

UAPA संशोधन विधेयक बिल क्या है

इस बिल में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वालों,उनकी किसी भी प्रकार से मदद करने वालों ,उनको पैसा मुहैया कराने वालों तथा उनका प्रचार-प्रसार करने वालों के खिलाफ सख्त प्रावधान किए गए हैं।आतंकी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति विशेष को भी आतंकवादी घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित प्रावधान भी इस विधायक किए गए हैं।

UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 के माध्यम से किसी व्यक्ति विशेष को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के दायरे में लाया जा सकता है। आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया है।इसमें एनआईए की ताकत बढ़ाई गयी है।

उसके अधिकारों को असीमित किया गया हैयूएपीए संशोधन विधेयक के तहत आतंकवादी घटनाओं में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित किया जाता है।

लोकसभा व राज्यसभा में UAPA संशोधन विधेयक बिल पास

देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह ने 8 जुलाई को UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 को लोकसभा में पेश किया था।24 जुलाई 2019 को “विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक 2019 (UAPA)” बिल लोकसभा में पास कर दियाइस बिल के पक्ष में 287 वोट पड़े जबकि विपक्ष में सिर्फ 8 वोट ही पड़े।

UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 राज्यसभा में भी 2 अगस्त 2019 को पारित हो गया।जहां इस बिल के पक्ष में 147 वोट पड़े जबकि विपक्ष में सिर्फ 42 वोट ही पड़े।राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह पूर्ण तह देश में लागू हो जायेगा।

क्या है UAPA संशोधन विधेयक बिल के नए नियम

UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 के नए नियमों के अनुसार केंद्र सरकार किसी भी संगठन या व्यक्ति को आतंकी घोषित कर सकती है।अगर वह निम्न में से किसी में भी शामिल पाया जाता है तो ……

  1. अगर आतंक से जुड़े किसी भी मामले में उसकी कोई भी संलिप्तता पायी जाती है।
  2. अगर कोई व्यक्ति आतंकवाद फ़ैलाने की तैयारी कर रहा हो।
  3. अगर कोई व्यक्ति आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा हो।
  4. किसी आतंकी गतिविधि में किसी भी तरह की संलिप्त हो। 
  5. इसके अलावा यह बिल सरकार को यह अधिकार भी देता है कि इसके आधार पर वह किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित कर सकती हैं।आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंका के आधार पर किसी अकेले व्यक्ति को आतंकी घोषित किया जा सकता है।
  6. अब आतंकवादियों की आर्थिक और वैचारिक मदद देने वालों और आतंकवाद के सिद्धांत का प्रचार करने वालों को आतंकवादी घोषित किया जा सकता है। 

UAPA संशोधन विधेयक बिल से लाभ

  1. इस बिलसे आतंकवादियों तथा आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करना आसान हो जाएगा। 
  2. UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारों को भी बढ़ाया गया है।जिससे उसकी ताकत में इजाफा होगा। 
  3. NIA अब किसी भी तरह की कोई भी करवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी। 
  4. अब NIA आतंकी गतिविधियों में शक के आधार पर लोगों को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकेगी।
  5. साथ ही आतंकी गतिविधियों में शामिल संगठनों को आतंकी संगठन घोषित कर उन पर कार्रवाई भी कर सकती है।
  6. पहले कोई भी जांच करने के लिए एनआईए को उस राज्य के पुलिस महानिदेशक से अनुमति लेनी पड़ती थी।लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।
  7. आतंकवादी गतिविधियों में संपत्ति ज़ब्त करने से पहले एनआईए को अपने महानिदेशक से मंजूरी लेनी आवश्यक होगी।
  8. आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगो की धरपकड़ बढ़ जाएगी।
  9. आतंकवाद निश्चित रूप से कम होगा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारों में बढ़ोत्तरी

UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अधिकारों को बढ़ाया गया है।जिससे NIA की ताकत कई गुना बढ़ गयी है।इस बिल में एनआईए के अफसरों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं।इसके अनुसार…..

  • UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 के संशोधन से पहले के नियमों के अनुसार अगर NIA का कोई जांच अधिकारी आतंकवाद से जुड़े किसी मामले में किसी की संपत्ति सीज करना चाहे तो उसे उस राज्य के पुलिस महानिदेशक से अनुमति लेनी होती थी। लेकिन नये नियमों के मुताबिक अगर आतंकवाद से जुड़े किसी मामले की जांच कोई एनआईए ऑफिसर करता है तो अब इसके लिए उसे सिर्फ एनआईए के महानिदेशक से अनुमति लेनी होगी।
  • नए नियमों के अनुसार अब NIA के महानिदेशक ऐसी सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकते है।या उसकी कुर्की कर सकते है जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया गया हो।इसके लिए अब एनआईए को राज्य के पुलिस महानिदेशक से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
  • UAPA संशोधन विधेयक बिल 2019 के अनुसार अब ऐसे किसी भी मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक या उससे ऊपर के ऑफिसर कर सकते हैं।जबकि पहले ऐसे किसी भी मामले की जांच डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) या असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ACP)  रैंक के अधिकारी ही करते थे।

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