Digital India Programme : डिजिटल इंडिया प्रोग्राम क्या है?

Digital India programme :

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम 

Digital India Programme

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की शुरुवात प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में 1 जुलाई 2015 की गई। जिसमें देश के बड़े बड़े औद्योगिक घरानों की कई बड़ी हस्तियों टाटा ग्रुप के साइरस मिस्त्री,रिलाएंस ग्रुप के मुकेश अंबानी,बिप्रो के अजीम प्रेमजी उपस्थिति थे।

Digital India Programme : डिजिटल इंडिया प्रोग्राम क्या है?

क्या हैं डिजिटल इंडिया प्रोग्राम ? 

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना हैं जिसके तहत सभी सरकारी विभागों को देश की जनता से सीधे डिजिटल (इलेक्ट्रॉनिक) रूप से जोड़ना है।और यह भी सुनिश्चित करना है कि बिना कागज के इस्तेमाल के सभी सरकारी सेवाएं व योजनायें इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक आसानी से पहुंच सकें।

शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना है जिससे सभी मंत्रालय तथा सरकारी विभाग अपनी सेवाएं जनता तक पहुंचाएंगे । एक ऐसे टू-वे (Two Way) प्लेटफार्म का निर्माण किया जाएगा जिससे दोनों (सेवा प्रदाता और उपभोक्ता) को लाभ होगा।पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल को भी अपनाया जाएगा।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के जरिए हर गांव और शहर को इंटरनेट से जोड़ने का प्लान है ताकि लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बजाय अपने ज्यादातर काम घर बैठे आराम से ऑनलाइन कर सके।इस योजना का बजट करीब 1,13,000 करोड रुपए हैं। इस कार्यक्रम के तहत 2.5 लाख पंचायतों तथा 6 लाख गांवों को ब्राॅडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

सभी पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने के लिए 70 हजार करोड रुपए का बजट रखा गया हैं। इसके साथ ह़ी  1.7 लाख पेशेवर आईटी भी तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक स्किल डेवलपमेंट योजना की शुरुआत कर मुहिम चलाई है जो लोगों को सीधे सरकार व उसकी योजनाओं से जुड़ने में मददगार होगी।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के 3 कोर घटक हैं

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के 3 कोर घटक हैं ।

  • डिजिटल इंडिया के लिए आधारभूत ढांचे का निर्माण करना।
  • इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेवाओं को जनता तक पहुंचाना।
  • डिजिटल साक्षरता ।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को 2019 तक क्रियान्वित करने का लक्ष्य है।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के उद्देश्य 

  1. सभी नागरिकों तक टेलीफोन सेवाओं को पहुंचना।
  2. सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम के तहत इंटरनेट सेवाओं को देश के हर नागरिक तक आसानी से पहुंचना।
  3. ब्रॉडबैंड हाईवेज से देश के सभी छोटे-बड़े शहरों को आपस में जोड़ना।
  4. ई-गवर्नेंस के तहत तकनीक के माध्यम से शासन प्रशासन में सुधार लाना
  5. ई-क्रांति के तहत सभी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप में लोगों को मुहैया कराना।
  6. इंफॉर्मेशन फॉर ऑल यानी सभी को जानकारियां आसानी से उपलब्ध कराना।इसके लिए “ओपन डेटा प्लेटफार्म” मुहैया कराया जायेगा जिसके माध्यम से लोगों को सूचना व जानकारी आसानी से उपलब्ध हो।
  7. राष्ट्रीय सूचना केंद्रोंं का पुनर्निर्माण करना।
  8. भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में प्रयोग होने वाले सभी उपकरणोंं का निर्माण भारत में ह़ी करना।
  9. सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए अधिक नौकरियां पैदा करना।ताकि बेरोजगारी कम हो।
  10. कृषि सम्बन्धी कार्यक्रमों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से बढ़ावा देना।जिससे भारतीय किसानों को आईटी क्षेत्र से लाभ मिले।कृषि उत्पादन, मृदा संबंधी, बोये गये बीज,होने वाले उत्पादन और बिक्री मूल्य के विवरण को एक साथ जोड़ कर इनका तुलनात्मक अध्ययन किये जा सकेंगे।
  11. किसानों के लिए फसल की रियल टाइम कीमत की सूचना, नगदी, सरकार से मिलने वाला कर्ज व राहत ,फसल का भुगतान आदि की ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध करना।  
  12. ई-प्रशासन को बढ़ावा देने के साथ ही अर्थव्यवस्था सुधारने का लक्ष्य है।
  13. हर गांव व पंचायत में इंटरनेट के सुबिधा पहुँचाना।ई-सेवा केन्द्रों के जरिये लोगों को सरकारी योजनाओं व सेवाओं की जानकारी देना ।                            
  14. लोगों को ई-हेल्थकेयर की सुबिधा देने के लिये हेल्थकेयर एक्सचेंज की स्थापना के जायेगी। जिसमें ऑनलाइन मरीजों के बारे में जानकारी ,मेडिकल सलाह ,दी जाने वाली द्वाओं के बारे में ब्यौरा रखा जायेगा।
  15. ई-एजुकेशन के तहत अभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ना।सभी स्कूलों को मुफ्त वाईफाई सुबिधा से जोड़ना व डिजिटल लिटरेसी पर ध्यान केन्द्रित करना।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत चलाये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रम

नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल

नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए छात्रों की स्कॉलरशिप की व्यवस्था को ऑनलाइन किया गया है।अब छात्र इस वेबपोर्टल के जरिये केंद्र व राज्य सरकारों या अन्य संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली छात्रवृति के लिए पंजीकरण व आवेदन कर सकेगे। आवेदन भी ऑनलाइन उपलब्ध होगा।साथ ह़ी साथ छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृति की धनराशि विवरण सहित छात्रों के खातों में उपलब्ध रहेगी।

डिजिटल तिजोरी यानी डिजिटल लॉकर प्रोग्राम 

इस प्रोग्राम के अंतर्गत देश का कोई भी नागरिक अपने दस्तावेजों जैसे जन्म प्रमाण पत्र,शैक्षिक प्रमाण पत्र,पैन कार्ड ,राशन कार्ड,आधार कार्ड,मेडिकल दस्तावेज आदि  को ऑनलाइन रख सकता हैं।जिस व्यक्ति के पास आधार कार्ड हैं।वह डिजिटल लॉकर में अकाउंट बनाकर आसानी से अपने सारे दस्तावेजों को कभी भी और कही से भी अपलोड कर सकता हैं।

यह बिलकुल सुरक्षित हैं और खास बात यह हैं कि यह पोर्टल भारत सरकार की निगरानी में रहता हैं।इसे एक्सेस करना बेहद आसान हैं। डिजिटल लॉकर में अकाउंट बनाने के बाद नागरिकों को हार्ड कॉपी(कागजी दस्तावेज) लेकर सरकारी ऑफिसों में चक्कर काटने की जरूरत नही हैं।

ई-बैग/बस्ता (E-Bag)

इस कार्यक्रम के तहत सभी राज्यों के शिक्षा बोर्ड अपने पाठ्यक्रम सम्बन्धी सभी किताबें को ऑनलाइन रखेंगे जिससे विद्यार्थी अपने शिक्षा बोर्ड की किताबें कहीं से भी डाउनलोड करके पढ़ सकेंगे।

ई-अस्पताल/ओआरएस (ORS) 

इस योजना के तहत लोगों को ऑनलाइन मेडिकल सुविधा दी जाएगी जिससे अस्पतालों में लाइन में लगने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।और साथ ह़ी साथ मरीज घर बैठे अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे । इस योजना में दूरदराज के गांवों को भी जोड़ा जाएगा।ताकि देश के हर व्यक्ति को आराम से मेडिकल की सुविधा मिल सके।

इसके साथ ह़ी टेलीमेडिसिन टेक्नोलॉजी की सुबिधा भी दूरस्थ गांवों में दी जायेगी । यह एक दूरसंचार आधरित टेक्नोलोजी हैं जो कि ग्रामीणों को ध्यान में रखकर बनाई गई है । इसका उपयोग गंभीर रोगियों को आपातकालीन स्थिति में तुरंत चिकित्सा सेवाओं को तक पहुंचाने के लिए किया जाता हैं ताकि कोई भी दूरी बाधा न बने।

नये रोजगारों का सृजन करना 

सरकार का एक उददेश्य यह भी हैं कि सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए देश में अधिक नौकरियां पैदा की जाय ताकि बेरोजगारी कम हो।डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में देश के बड़े-बड़े पूंजीपति लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रूपये का निवेश कर रहे हैं जिससे करीब 18 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी ।

गांव में रहने वाले लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (आम सेवा केंद्र (CSC) खोले जा रहे हैं जिससे गांव के बेरोजगार युवाओं को काम मिल सके।

MYGOV  व स्वच्छ भारत मोबाइल ऐप 

MYGOV व स्वच्छ भारत को मोबाइल ऐप के द्वारा लोगों तक पहुचाया जायेगा । MYGOV ऐप का मुख्य उददेश्य भारत के विकास के लिए टेक्नोलॉजी की सहायता से सरकार और नागरिकों के बीच साझेदारी बनाना है  तथा अच्छे गवर्नेंस के लिए नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है ताकि वो अपने विचारों और सुझाव के माध्यम से अपना योगदान दे सकें।

कॉमन सर्विस सेंटर /आम सेवा केंद्र (CSC)

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत मई 2006 में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा खोले गये कॉमन सर्विस सेंटर यानि आम सेवा केंद्र राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस का मुख्य आधार है। इन आम सेवा केंद्रोंं में शहर व गांवोंं के लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी व लाभ इलेक्ट्रिााानिक माध्यम से पहुचाई जाती है। प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओ को सफल बनाने में कॉमन सर्विस सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO/बीपीओ)

भारत में तेजी से फलता फूलता एक व्यवसायिक संगठन है जिसमें एक संस्थान किसी दूसरे संस्थान को अपने कार्य करने के लिए काम पर रखता है।दूसरे संस्थान द्वारा दी गई सेवाओं से पहले संस्थान को बेहतर व कुशल श्रमिकों के साथ कम लागत में अच्छी गुणवत्ता का समान या सेवायें मिलती हैं। आज के समय मे व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए यह आवश्यक है।बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने में इनकी अहम मूमिका हो रही हैं।

डिजिटल साक्षरता अभियान

कौशल भारत कुशल भारत कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया एक अभियान जिसका उद्देश्य 2019 तक 6 करोड़ ग्रामीण व निचले तबके के लोगों खासकर युवाओं को  डिजिटल तकनीकी पर प्रशिक्षण देकर उन्हें डिजिटल साक्षर बनाना हैं। ताकि वो रोजगार पाने में सक्षम हो। यह अभियान मुख्य तह मेक इन इंडिया प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए शुरू किया गया था।  

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम इंटर्नशिप प्रोग्राम 

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में दो महीने का प्रेक्टिकल नाँँलेज दिया जायेगा तथा साथ में 1000/-रूपये के प्रोत्साहन राशि व सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जायेगा । यह कार्यक्रम साल में दो बार चलाया जायेगा। दिसंबर-जनवरी तथा मई-जून माह में।  

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के लाभ 

  1. भारत में निश्चित रूप से इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 2012 की अपेक्षा लगभग 25% बड़ी हैं। हालांंकि जनसंख्या के हिसाब से यह अभी भी बहुत कम हैं लेकिन मोबाइल के उपयोग ने लोगों के जीवनस्तर को बदला जरूर हैं।
  2. हर रोज लोग इससे बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं और इससे अलग-अलग स्तर में फायदा भी उठा रहे हैं। कोई इससे रोजगार प्राप्त कर रहा हैं तो कोई सरकारी योजनाओं की जानकारी।कोई e-study कर रहा हैं तो कोई e-shopping आदि ।     
  3. डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग से भारत वाकई धीरे धीरे ह़ी सही मगर बदल रहा हैं।यह बदलता भारत, डिजिटल भारत और न्यू इंडिया है।इस टेक्नोलॉजी की वजह से गवर्नेंस एक कॉमन मैन के हाथों में पहुंच रही है।
  4. पिछले कुछ सालों में स्मार्टफोन धारकों ने अपने मोबाइल से कई काम जैसे बिजली बिल , पानी बिल , टेलीफोन के बिल , बैंकिंग सिस्टम में लेनदेन , ई-शौपिंग , ई-लर्निग , ई-टिकट आदि काम शुरू कर दिये हैं।
  5. पहले इन कामों के लिए सरकारी दफ्तरों में धक्के खाने पड़ते थे,लम्बी लम्बी लाइन लगनी पडती थी।अब वो काम घर बैठे बैठे आराम से निपटाये जा रहे हैं।
  6. तीनों ताकतवर शक्तियों (टेक्नोलॉजी , इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन) से मिलकर भारत डिजिटल इंडिया बनने के मार्ग की तरफ अग्रसर हैं।और आईटी (इंफॉर्मेशन  टेक्नोलॉजी) और आईटी (इंडियन टैलेंट) मिलकर भविष्य के भारत का निर्माण कर रही हैं।डिजिटल टेक्नोलॉजी आम आदमी के हाथों तक पहुंची है।
  7. सभी सरकारी विभागों का कामकाज पूरी तरह से ऑनलाइन होने से नागरिकों को किसी भी तरह की सूचनाएँ कभी भी और कही से भी आसानी से मिल सकेगी।अगर किसी व्यक्ति को अपने पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करना हो।तो उसे सम्बन्धित विभाग के ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अपनी एप्लीकेशन को डिजिटल दस्तखत / ई-साइन के साथ ऑनलाइन सबमिट करा सकते हैं। इससे लाइन कल्चर खत्म होगा।
  8. गांव के लोगों तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही । साथ ही गांवों व शहरों को मुफ्त वाईफाई सुबिधा से जोड़ा जायेगा।बीएसएनएल (BSNL) देशभर में वाईफाई हॉटस्पॉट बनाने के काम में लगा है ताकि लैपटॉप और स्मार्टफोन आसानी से इंटरनेट से जुड़ सके।जिससे लोग वाईफाई फ्री में इस्तेमाल कर सकेंगे।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की कमियां 

  1. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में जहाँ कई खूबियों हैं वही कुछ कमियों भी हैं ।जैसे इसमें लीगल फ्रेमवर्क गोपनीयता का अभाव हैं तो डाटा सुरक्षा नियमों में भी भारी कमी हैं।नागरिक स्वायत्ता हनन , भारतीय साइबर असुरक्षा जैसे कई और कमियां भी है।
  2. डेटाबेस के लिए सर्वर का स्वदेशी व पूर्ण सुरक्षित होना अनिवार्य हैं। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को पूर्ण रूप से क्रियान्वित करने से पहले इन सभी कमियां को दूर करना होगा।
  3. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए इंटरनेट सर्वर , इंटरनेट कनेक्शन का सस्ता व कारगर होना आवश्यक हैं।     
  4. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को सफल बनाने व मुफ्त में वाई-फाई सेवा देने के लिए एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना आवश्यक हैं।क्योंकि वर्तमान में जो इंफ्रास्ट्रक्चर हैं वो डिजिटल इंडिया के स्वप्न को पूरा कर पाने में असमर्थ होगा।वैसे भी हम इन सभी चीजों (इंफ्रास्ट्रक्चर)के लिए आज भी विदेशियों पर ह़ी निर्भर हैं। 
  5. भारत इंटरनेट स्पीड के मामले में दुनिया में 118वें नंबर में हैं यानी इंटरनेट स्पीड बहत कम हैं।                      
  6. भारत के कई गांवेें में बिजली , सडक , पानी , मोबाइल टावरों जैसी बुनियादी सुबिधाओं भी मौजूद नही हैं तो उन गांवेें में ब्रॉडबैंड पहुँच भी जाय। तो उसका कितना उपयोग होगा समझा जा सकता हैं।
  7. सरकार अपने इस काम को पूरा करने के लिए बीएसएनल को नए सिरे से तैयार कर रही है और इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए बीएसएनल ने 1.5 करोड़ नए कनेक्शन जारी करने की योजना बनाई है। लक्ष्य है कि 2019 तक हर गांव में टेलीफोन सेवा पहुंच जाए।साथ ही ट्राई ने 2020 तक तेज रफ्तार इंटरनेट घर-घर पहुंचाने की भी योजना बनाई है।
  8. सरकार चाहती है कि डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत हर पंचायत ब्रॉडबैंड से जुड़े। केंद्र सरकार ने कहा है कि इस कार्यक्रम के जरिए वह भारत और इंडिया के बीच में फर्क मिटा देगी । ग्रामीण व शहरी सभी लोगों को समान रूप से डिजिटल सेवाओं का फायदा मिलेगा लेकिन यह इतना आसान नहीं है।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के लिए आवश्यक बातें 

  1. भारत के सभी सरकारी कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि डेटा के प्रदर्शन, सुरक्षा, रखरखाव बेहतर हो।
  2. सभी विद्यालयों में सेंट्रल सर्वर होना चाहिए जो सभी प्रकार के ई-प्रशिक्षण सामग्री (शिक्षक एवं छात्र दोनों के लिए) से लैस हो।
  3. देश की सभी पब्लिक लाइब्रेरी को डिजिटल इंडिया प्रोग्राम से जोड़ना होगा ताकि जों युवा पब्लिक लाइब्रेरी तक किसी कारण बस नही जा पाते हैं वो भी इनका लाभ आसानी से ले पायेगें तथा तकनीकि रूप से भी दक्ष होगें।
  4. हर पंचायत में  इंटरनेट के सुबिधा हो और उसकी अपनी एक वेबसाइट हो जिसमें उस गाँव-पंचायत से जुडी सभी सूचनाएं तथा योजनायें तथा उनके फायदे के बारे में बताया हो। 
  5. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तथा सरकारी योजनायें तक ह़ी सीमित न करके।इसमें प्राइवेट सेक्टर के लोगों व योजनायें को भी शामिल करने से और अधिक फायदा मिलेगा।  
  6. समय समय पर लोगों को डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की उपयोगिता व महत्ता के बारे में बताना आवश्यक हैं । सरकार को लोगों को प्रशिक्षित करना चाहिए और मोबाइल उपकरणों पर आसानी से इंटरनेट की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए और सरकारी बैंकों को एटीएम सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  7. संपूर्ण भारत में मुफ्त वाई-फाई सेवा शुरू की जानी चाहिए।हर एक गांव में ई सेवा केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए ताकि लोगों को सभी सरकारी सेवाएं एक ही जगह पर उपलब्ध हो सके।जब हम इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लाभ उठाए जाने वाली सेवाओं को अधिक से अधिक लोगों से जोड़ेंगे तो स्वाभाविक रूप से लोग इसकी तरफ आकर्षित होंगे क्योंकि एक निश्चित स्तर पर पहुंचने के बाद कुछ सेवाएं केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में ही उपलब्ध रहेगी।
  8. न्यायिक प्रणाली को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर उसे पुलिस विभाग , सीबीआई , फॉरेंसिक आदि के साथ जोड़ा जाए। ताकि फालतू झंझटोंं से बचा जा सके।
  9. ई-बोंंटिग के माध्यम से छात्रों को मतदान का अधिकार दिया जाना चाहिए ताकि जो छात्र घर से दूर जाकर पढ़ाई कर रहे और चुनाव के समय दूरी की वजह से मतदान नहीं कर पाते हैं वो अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। इसके लिए एक अलग से वेबसाइट शुरू की जानी चाहिए।

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