Motivational Stories For Kids In Hindi : बच्चों की कहानियों

Motivational Stories For Kids In Hindi : बच्चों के लिए 4 हिन्दी कहानियों

4 Motivational Stories For Kids In Hindi 

बच्चों के लिए 4 हिन्दी कहानियों

कहानी -1

राजा और मकड़ी

बहुत पुरानी बात है ।एक देश में एक राजा राज्य करता था। राजा स्वभाव से दयालु था और वह हमेशा अपनी प्रजा को खुश रखने की कोशिश करता था। साथ ही साथ राजा बहुत पराक्रमी भी था ।लेकिन राजा के पास एक ही कमी थी कि उसके पास पर्याप्त सैन्य बल नहीं था जिसकी वजह से वह हमेशा चिंतित रहता था।

पड़ोसी राज्य का राजा उससे ईर्ष्या रखता था। और उसकी कमजोरी को भी जानता था ।एक दिन अवसर पाकर पड़ोसी राज्य के राजा ने उसके राज्य पर चढ़ाई कर दी। वह बड़ी बहादुरी के साथ लड़ा ।लेकिन सैन्य बल कम होने के कारण हार गया और अपना राज्य गंवा बैठा। राजा भागकर जंगल की तरफ गया और उसने एक गुफा में शरण ली ।राजपाट हार जाने की वजह से वह काफी दुखी व चिंतित था ।तभी उसकी नजर एक मकड़ी पर पड़ी जो , बार-बार दीवार पर चढ़ने का प्रयास कर रही थी।

लेकिन दीवार पर थोड़ा ऊपर पहुंचने के बाद मकड़ी वापस जमीन पर गिर जाती थी।लेकिन जमीन पर गिरने के बाद मकड़ी दोबारा से दीवार पर चढ़ने की कोशिश करती और फिर जमीन पर गिर जाती है। ऐसा कई बार होता रहा । लेकिन उस मकड़ी ने दीवार पर चढ़ने का अपना प्रयास नहीं छोड़ा और अंततः वह दीवार पर चढ़कर छत तक पहुंच गई ।

घटना छोटी सी थी। लेकिन राजा के मन में इसका गहरा प्रभाव पड़ा।राजा ने इस घटना से प्रेरणा ली और वह चुपचाप भेष बदलकर अपने राज्य वापस चला गया। उसने धीरे-धीरे वहां पर लोगों से संपर्क कर अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने का प्रयास किया।

एक दिन जब उसे लगा कि अब उसके पास पर्याप्त सैन्य शक्ति हो गई है। उसने पूरे आत्मविश्वास के साथ अचानक उस राजा के ऊपर हमला कर दिया। क्योंकि शत्रु राजा इस हमले के लिए तैयार नहीं था , तो उसे पराजय का मुंह देखना पड़ा। और इस तरह राजा ने पुनः अपना राज्य वापस प्राप्त किया।

Moral Of The Story

असफलता ही सफलता का पहला कदम है ।और लगातार प्रयास करने से कठिन से कठिन कार्य में भी सफलता पाई जा सकती है।

कहानी – 2

बुद्धिमानी 

सुभाष एक बहुत गरीब लड़का था। वह तीसरी क्लास का छात्र था और वह रोज स्कूल जाता था। उसके स्कूल से घर लौटते रास्ते में मिठाई की एक दुकान थी।एक दिन वह स्कूल से घर लौट रहा था ।तो मिठाई की दुकान में तरह तरह की मिठाइयां बन रही थी और उन मिठाइयों की सुगंध से वातावरण पूरा महक रहा था ।

सुभाष के पास पैसे नहीं थे। इसलिए वह उन मिठाइयों को खरीद नहीं सकता था ।लेकिन वह दुकान के पास खड़ा होकर उन मिठाइयों की खुशबू का मजा लेने लगा ।जब काफी देर तक सुभाष दुकान के बाहर खड़ा रहा ।तब हलवाई ने उससे पूछा “तुम्हें क्या लेना है”। सुभाष ने कहा कि “आपकी दुकान में जो मिठाइयां बन रही हैं ।मैं उनकी सुगंध का मजा ले रहा हूं”।

यह सुनकर लालची हलवाई के मन में एक विचार आया । हलवाई ने सुभाष से कहा “तुम मेरी मिठाइयों की खुशबू ले रहे हो तो , बदले में तुम्हें उसकी कीमत चुकानी होगी। वरना तुम्हें मैं यहां से नहीं जाने दूंगा ” । सुभाष के पास पैसे नहीं थे ।इसलिए वह रोने लगा । सुभाष को रोता हुआ देख वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। यह बात किसी की समझ में नहीं आ रही थी कि मिठाइयों की खुशबू का क्या कीमत होनी चाहिए।

तभी एक चतुर व्यक्ति ने हलवाई के पास आकर अपनी जेब जोर-जोर से हिलाई ।जिससे उसके जेब में पड़े सिक्के आपस में टकराकर आवाज करने लगे। अब उस युवक ने मिठाई वाले से पूछा “तुमने कुछ आवाज सुनी क्या”।

हलवाई ने तुरंत जवाब दिया ” हां तुम्हारे जेब में पड़े हुए सिक्कों की आवाज मुझे सुनाई दी”। चतुर व्यक्ति बोला “बस तुम्हें तुम्हारी मिठाइयों की कीमत मिल गई “। उस बच्चे ने तुम्हारी मिठाइयों की खुशबू ली और तुमने मेरे पैसों की आवाज सुनी। हिसाब किताब बराबर । अब हलवाई के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला। सुभाष ने उस व्यक्ति को धन्यवाद दिया और बड़ी खुशी खुशी मुस्कुराता हुआ वहां से अपने घर को चला गया।

Moral Of The Story

व्यक्ति को हमेशा बुद्धिमानी से काम करना चाहिए। अधिक चतुराई भी कभी-कभी भारी पड़ जाती है।

कहानी नंबर – 3

चतुर व्यापारी

एक गांव में नमक का एक व्यापारी रहता था। उसके पास एक आलसी गधा था ।व्यापारी हर रोज अपने गधे में नमक लाद कर उसे बेचने के लिए शहर जाता था । शहर के रास्ते में एक छोटी सी नदी पड़ती थी। उसमें पानी अधिक नहीं होता था । व्यापारी और गधा दोनों रोज उस नदी को पार कर शहर नमक बेचने जाते थे। 

क्योंकि शहर काफी दूर था। नमक पीठ पर लाद कर चलने से आलसी गधा शहर पहुंचने तक थक जाता था ।इसीलिए वह रोज रोज शहर जाने और आने की से तंग आ चुका था। एक दिन व्यापारी ने गधे पर नमक की बोरियां लाद कर शहर जा रहा था ।रास्ते में पडने वाली उस छोटी सी नदी को पार करते वक्त  गधे के पैर के नीचे एक पत्थर आ गया। जिससे गधा लड़खड़ा कर नदी में गिर पड़ा। नदी में पानी होने की वजह से बोरियों का बहुत सारा नमक पानी में बह गया। इस तरह गधे का काफी बोझ हल्का हो गया। और उस दिन गधा आराम से बिना थके हुए शहर पहुंच गया।

व्यापारी को अपने गधे पर बहुत गुस्सा आया ।पर बेचारा क्या करता जितना बचा था उतना नमक लेकर शहर गया ।लेकिन इस सब में गधे को अपने पीठ का बोझ हल्का करने की युक्ति समझ में आ गई। दूसरे दिन व्यापारी ने गधे पर और अधिक नमक ला दिया । जब व्यापारी गधे के साथ उस नदी के पास पहुंचा तो गधे ले फिर से अपनी युक्ति को आजमाने का सोचा और वह जानबूझकर पानी में गिर गया।

अब गधा लगभग रोज ही इस युक्ति को आजमाने लगा लेकिन व्यापारी कामचोर गधे की चालाकी समझ गया। उसने गधे को सबक सिखाने का सोची। अगले दिन व्यापारी ने गधे की पीठ पर ढेर सारी रुई लाद दी। नदी में पहुंचते ही फिर गधा जानबूझकर लड़खड़ा कर पानी में गिर पड़ा ।लेकिन सारी रूई पानी में भीग गई ।रुई के पानी में भीग जाने की वजह से गधे का बोज अचानक ही दस गुना बढ़ गया। अब तो शहर तक पहुंचते-पहुंचते गधे की शामत आ गई। और साथ में ही उसकी अक्ल भी ठिकाने में आ गई ।

Moral Of The Story

सदैव अपना काम पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी के साथ करना चाहिए।

कहानी – 4 

लालच बुरी बला है

एक नगर में एक धनी महिला रहती हैं। लेकिन किसी कारण बस एक दिन अचानक उसकी आंखों की रोशनी चली गई । और वह अंधी हो गई । महिला घर पर अकेली रहती थी ।उसके घर में कई सारी कीमती चीजें थी ।

उस महिला ने अपनी आंखों का इलाज करने के लिए शहर से एक डॉक्टर को अपने घर पर बुलाया । महिला चालाक थी। उसने डॉक्टर के सामने एक शर्त रख दी कि आंखें अच्छी होने पर ही वह डॉक्टर को उसकी पूरी फीस देगी ।  डॉक्टर ने शर्त मान ली ।अब डॉक्टर प्रतिदिन शहर से उसके घर आने लगा और उसका इलाज करने लगा। धर में कीमती सामानों को देखकर धीरे धीरे उसकी नियत खराब होने लगी है । और कुछ समय बाद वह जाते समय कोई न कोई कीमती सामान उठाकर ले जाता।

वह सोचता था कि औरत को तो दिखाई नहीं देता है। इसीलिए उसे चोरी का कैसे पता चलेगा ।इस तरह डॉक्टर ने अंधी महिला के घर से सारी कीमती चीजें गायब कर दी । लेकिन जैसे जैसे महिला की आंखें अच्छी होने लगी ।उसे चोरी का  पता चल गया ।फिर भी वह चुप रही। आखिरकार महिला जब बिल्कुल अच्छी हो गई तो , डॉक्टर ने उससे अपनी फीस मांगीं। लेकिन महिला ने फीस देने से इंकार कर दिया ।

डॉक्टर ने अदालत में महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी।न्यायधीश ने उस महिला से कहा “तुम्हारी आंखें अच्छी हो गई है। तुम्हें अब डॉक्टर की फीस चुका देनी चाहिए । महिला ने कहा “जज साहब अभी तक मेरे आंखों की रोशनी पूरी तरह से वापस नहीं आई है। अगर मेरे आंखों की रोशनी पूरी तरह से वापस आ गई होती तो , मैं अपने घर का सारे सामान व फर्नीचर को आराम से देख सकती ।लेकिन मुझे अपने घर में कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है।इसीलिए मैं शर्त के मुताबिक डॉक्टर की फीस तभी दूंगी ।जब मेरी आंखें पूरी तरह से ठीक हो जाएंगी”।

जज को अब सारा मामला समझ गया। उसने डॉक्टर आदेश दिया कि उसने उस महिला के घर से जो भी चीजें चुराई हैं ।वह सब वापस कर दे। और महिला के घर से चोरी करने की सजा के तौर पर डॉक्टर को किसी भी तरह की फीस न देने का आदेश दिया।

Moral Of The Story

व्यक्ति का लालची स्वभाव हमेशा ही उसे मुसीबत नहीं डालता है ।इसीलिए हमें हमारे पास जितना है उतने में ही संतोष से रहना सीखना चाहिए।

हिंदी निबंध हमारे YouTube channel  में देखने के लिए इस Link में Click करें । YouTube channel link –  (Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)

You are most welcome to share your comments.If you like this post.Then please share it.Thanks for visiting.

यह भी पढ़ें……

  1. A Short Motivational Stories “तितली का संघर्ष 
  2. 12 Short Motivational Stories in hindi
  3. सुंदरता का महत्व (एक हिंदी कहानी )
  4. जज का न्याय (एक प्रेरणादायक कहानी )