What is Integrated Teacher Education Programme in India (ITEP) ?इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) या एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम क्या हैं ?विद्यार्थियों के लिए यह किस तरह से लाभदायक है ?
Integrated Teacher Education Programme in India
किसी भी समाज में शिक्षा व शिक्षक का स्थान हमेशा ह़ी सर्वोच्च रहा हैं।क्योंकि माता पिता के बाद बच्चे के लिए शिक्षक ह़ी वह व्यक्ति होता हैं जो उसे ज्ञान का प्रकाश देकर जीवन की हर मुश्किल बाधाओं को पार कर सफलता के मुकाम तक पहुचाना सिखाता हैं।इसीलिए शिक्षक का विद्यार्थियों को सही तरह से शिक्षा देकर उनका मार्गदर्शन करना अनिवार्य है।
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और इस सब के लिए शिक्षक को भी अपने क्षेत्र में पारंगत होना आवश्यक हैं तभी तो वह विद्यार्थियों को सही राह दिखा पायेगा।इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए “राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई (NCTE )” ने “इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम / Integrated Teacher Education Programme in India” कोर्स शुरू करने फैसला लिया हैं।
इसका फायदा यह होगा कि अब सिर्फ वही युवा इस कोर्स को कर इस क्षेत्र में आएंगे जिनकी वास्तव में शिक्षा व शिक्षण कार्य में विशेष रुचि होगी।इससे भविष्य में शिक्षा के साथ साथ शिक्षण प्रणाली में भी सकारत्मक परिणाम देखने को मिलेंंगे।
एनसीटीई ( NCTE ) क्या हैं।
National Council For Teacher Education भारत सरकार की एक संस्था हैं जो भातीय शिक्षा प्रणाली के लिए पाठ्यक्रमों का निर्धारण करती हैं।तथा पाठ्यक्रमों में समय के साथ या जरूरत के हिसाब से बदलाव करती हैं।तथा शिक्षा प्रणाली की उच्च गुणवत्ता को बनाये रखती हैं।तथा समय समय पर केंद्र व राज्य सरकारों को रिपोर्ट भेजती रहती हैं।
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क्या है इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम
(What is Integrated Teacher Education Programme in India (ITEP))
जिन विद्यार्थियों ने अभी 12वींं की परीक्षा पास की हैं या इस साल जो भी विद्यार्थी 12वी की परीक्षा देने जा रहे हैं।और भविष्य में शिक्षाा के क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं।उन अभी लोगों को “राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई (NCTE )” द्वारा लाँच किया गया यह नया “इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम/Integrated Teacher Education Programme ” कोर्स करना आवश्यक होगा।
इस कोर्स को किये वैगर कोई भी अब सीधे टीचर नहीं बन पायेगा।यह कोर्स 4 साल का होगा।सबसे अच्छी बात यह हैं कि इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम में प्रवेश लेने के लिए ग्रेजुएशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।इस कोर्स में 12वीं के बाद सीधे दाखिला मिलेगा।
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अभी तक जहाँँ एक ओर फ्री प्राइमरी से प्राइमरी स्तर तक की कक्षाओं को पढ़ाने के लिए व्यक्ति के पास डीएलएड (D.El.Ed )की डिग्री जरूरी था।वही अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक के स्कूलों में पढ़ाने के लिए B.Ed करना अनिवार्य था।लेकिन इस 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम शुरू होने के बाद व्यक्ति को टीचर बनने के लिए इन डिग्रीयों (BTC , D.El.Ed या B.Ed )की आवश्यकता नही रहेगी।
अगर किसी ने 4 साल का Integrated Teacher Education Programme पूरा कर लिया है तो वह सीधे टीईटी, एसटीईटी या स्टेट लेवल का टेस्ट पास कर टीचर बन सकता हैं।यह कोर्स भी उसी तरह का हैं जैसे विद्यार्थी 12वींं की परीक्षा पास करने के बाद B.A ,B.Sc या BTec में प्रवेश लेते हैं।
बस फर्क इतना हैं कि जहाँ पहले B.A या B.Sc करने में तीन साल तथा B.Ed करने में दो साल यानी कुल मिलाकर B.A+B.Ed = पांच साल या B.Sc+B.Ed = पांच साल लगते थे।अब उसी डिग्री (B.A/B.Sc+B.Ed) को लेने में सिर्फ चार साल लगेंगे यानी पूरे एक साल की बचत।
अब सिर्फ चार साल में (B.A/B.Sc) की डिग्री के साथ साथ B.Ed की डिग्री भी प्रदान की जायेगी।लेकिन कार्यक्रम में प्रवेश के समय अभ्यार्थी को बी.ए अथवा बीएससी की उपाधि प्राप्त करने हेतु लिए गए विषयों को दर्शाना अनिवार्य होगा।
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इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य
(Aim of Integrated Teacher Education Programme in India)
Integrated Teacher Education Programme का मुख्य उद्देश्य भविष्य के लिए ऐसे शिक्षकों को तैयार करना जो अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्ध,उत्तरदाई और पूर्ण रुप से शिक्षण के लिए समर्पित हो तथा अपने विषयों में विशेषज्ञ हो।साथ ह़ी शिक्षण के कार्यो के हर गुण से बाफिक हो।
इस कार्यक्रम में सामान्य अध्ययन विषयों का एकीकरण किया गया है जिसमें गणित तथा विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी को शामिल किया गया है।इसके अलावा व्यावसायिक अध्ययन विषयों को शिक्षा में सम्मिलित किया गया।
साथ ही शिक्षा के अन्य मुख्य पाठ्यक्रम, स्कूली विषयों की पाठ्यचर्चा, शिक्षण शास्त्र संबंधी विषय एवं स्कूल अध्यापक के कार्यों और गतिविधियों से संबंधित प्रयोग को शामिल किया गया है।इसके अंतर्गत सिद्धांत और अभ्यास में संतुलन बनाए रखना है।तथा इस कार्यक्रम के विभिन्न घटकों को मिलाकर उनका एकीकरण सुनिश्चित किया गया है।
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इससे अपेक्षा की जाती है कि एक प्रभावशाली स्कूल अध्यापक बनने की चुनौतियों का सामना करने के लिए अध्यापक में आवश्यक सभी उचित कार्य कौशल और ज्ञान विकसित किया जा सके। ताकि वह एक सफल और प्रेरक स्कूल अध्यापक बन सके। इस कार्यक्रम की खास विशेषता यह है कि इसमें शिक्षण शास्त्र और विद्यालय शिक्षण के कार्यों एवं गतिविधियों से संबंधित एकीकरण है।
इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के दो नए कोर्स ( Integrated Teacher Education Programme Course)
Integrated Teacher Education Programme के तहत दो नए कोर्स से शुरू किए जाएंगे।
- आटीईपी प्री-प्राइमरी से प्राइमरी स्तर को पढ़ाने के लिए होगा।
- जबकि दूसरा आइटीईपी कोर्स अपर प्राइमरी से सेकेंडरी स्तर तक पढ़ाने के लिए होगा।
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इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम की अवधि (Time Duration)
- Integrated Teacher Education Programme के दोनों ही पाठ्यक्रमों की अवधि 4 वर्ष की होगी। और 8 सेमेस्टर में होंंगे।
- किसी बजह से अगर कोई विद्यार्थी इस कोर्स को 4 साल में पूरा करने में सक्षम नह़ी हो पाये तो इसकी अवधि अधिकतम 6 साल तक बढ़ाई जा सकती है। यानि जो विद्यार्थी किसी वजह से किसी सेमेस्टर में पास हो पाने में सफल नहीं हो पाए हैं तो वो 6 साल तक परीक्षा देकर पास हो सकते हैं।लेकिन 6 साल के भीतर-भीतर कोर्स पूरा करना अनिवार्य हैं।
इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के लिए योग्यता ( Integrated Teacher Education Programme Eligibility)
- जो भी विद्यार्थी इस कोर्स में प्रवेश लेना चाहते हैं।उन्हें कक्षा 12 की परीक्षा न्यूनतम 50% अंको से पास करना अनिवार्य है।
- कोर्स में 12वीं के बाद दाखिला मिलेगा। इन पाठ्यक्रमों के लिए ग्रेजुएशन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- जो विद्यार्थी आरक्षण के दायरे में आते हैं उनको राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक आरक्षण भी मिलेगा।उच्च माध्यमिक / +2 परीक्षा/ समकक्ष परीक्षा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग /दिव्यांग व्यक्ति तथा अन्य वर्गों को केंद्रीय/ राज्य सरकार /केंद्र शासित राज्य के नियमों के आधार पर अंक प्रतिशतता में छूट दी जाएगी ।जैसा भी लागू हो।
इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम में प्रवेश
प्रवेश उच्च माध्यमिक/ +2 स्तर/ समकक्ष परीक्षा/ किसी प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मैरिट बनाकर राज्य सरकार /विश्वविद्यालय /केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन की नीति के अनुसार किसी अन्य चयन प्रक्रिया द्वारा होगा। यानी कोर्स में एडमिशन प्रवेश परीक्षा(एंट्रेंस टेस्ट) या फिर मेरिट के आधार पर होगा।इस बात का फैसला राज्य सरकार या अन्य करेगी।
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कोर्स (Course)
प्रारंभ में इसमें सिर्फ साइंस (विज्ञान वर्ग (B.Sc+B.Ed)) और आर्ट्स (कला वर्ग (B.A+B.Ed)) स्ट्रीम को ही शामिल किया जाएगा।4 वर्षीय शिक्षा कोर्स में फील्ड बेस्ट एक्सपीरियंस, टीचिंग प्रैक्टिस और इंटर्नशिप भी शामिल किए जाएंगे।
कार्यक्रम में प्रवेश के समय अभ्यार्थी को बी.ए.अथवा बीएससी की उपाधि प्राप्त करने हेतु लिए गए विषयों को दर्शाना अनिवार्य होगा।प्रवेश मेरिट के अनुसार तथा सीटों की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। विषयों के चयन में परिवर्तन कार्यक्रम के शुरू होने की तिथि से 1 महीने के भीतर किया जाएगा।
कॉलेज (College)
अभी तक D.El.Ed की मान्यता राज्य सरकार के शिक्षा विभाग व B.Ed की मान्यता विश्वविद्यालय से मिलती थी।लेकिन अब इन दोनों पाठ्यक्रमों की मान्यता सीधे विश्वविद्यालय से ही मिलेगी और मान्यता एनसीटीई की रहेगी।कोई भी कॉलेज जहाँ पर बीए ,बीएससी ,बीकॉम ,B.Ed या M.Ed के पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं। वो Integrated Teacher Education Programme का कोर्स संचालित कर सकते हैं।
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लेकिन इसके लिए विश्वविद्यालय से मान्यता लेना अनिवार्य होगा।किसी भी संस्थान को कला एवं विज्ञान वर्ग में से किसी एक अथवा दोनों को चलाने की अनुमति होगी।यदि वह संस्थान एक से अधिक निकायों को लेने की पात्रता रखता हो तो।
इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम का शुल्क (Integrated Teacher Education Programme Fee)
इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम चलाने के लिए संस्थान केवल वही शुल्क लेगा जो राज्य सरकार अथवा संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के लिए मान्य किया जाएगा।
इंटीग्रेटड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के कुल कार्य दिवस
एक सेमेस्टर में परीक्षा तथा प्रवेश अवधि को छोड़कर कम से कम 125 कार्य दिवस यानी न्यूनतम 840 कार्य के घंटे होंगे।एक सप्ताह के अंतर्गत 40 घंटे कार्य दिवस अनिवार्य हैं।
सभी पाठ्यक्रमों में छात्र व शिक्षकों की न्यूनतम उपस्थिति 80% होनी अनिवार्य है।
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कॉलेज में एक यूनिट होगी 50 सीटों की।( Available Seats)
एनसीटीई की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक Integrated Teacher Education Programme के लिए एक यूनिट 50 सीटों की होगी।पहले से ह़ी B.Ed,M.Ed करने वाले संस्थान को इस कोर्स को चलाने के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि और 400 वर्ग मीटर बिल्डिंग तैयार करनी होगी ।किसी नये संस्थान को इस कोर्स को चलाने के लिए 3000 वर्ग मीटर की जमीन में बिल्डिंग तैयार बनानी होगी।
मगर इसके साथ उनको बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे कोर्स को भी संचालित करना होगा।हालाँकि यह मानक केवल 50 सीटों के लिए ही है।अगर किसी कॉलेज में अधिक सीटें तो मानक उसी हिसाब से बढ़ जाएंगे यानी भूमि और इमारत की सीमा भी बढ़ जाएगी।
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ऑनलाइन आवेदन आमत्रित (Online Registration)
एनसीटीई नोटिफिकेशन जारी का सत्र 2019 से 2023 यानी पहले बैच को संचालित करने के इच्छुक शिक्षण संस्थाओं से ऑनलाइन आवेदन मंगाए हैं।संस्थान 3 दिसंबर से 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इच्छुक शिक्षण संस्थानों को एनसीटीई द्रवारा निर्धाारित मापदंड पूरे करने होगें।तभी संस्थानों को मान्यता प्रदान की जायेगी।
रजिस्ट्रेशन के लिए (For Registration)
सत्र 2019 के लिए इच्छुक अभ्यार्थी 3 दिसंबर से 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं।
क्या D.El.Ed या B.Ed कोर्स बंद हो जायेगे ?
एनसीटीई का Integrated Teacher Education Programme कोर्स का पहला शैक्षिक सत्र (2019-23) 2019 से शुरू होगा। इसलिए इस समय में चल रहे 2 वर्षीय बीएड और 1 वर्षीय डीएलएड कोर्स चलता ही रहेगा। फिलहाल सरकार ने इनको बंद करने की कोई घोषणा नहीं की है।
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सरकार का यह कदम सराहनीय है क्योंकि इस कदम को उठाने के बाद सिर्फ वही युवा इस क्षेत्र में आएंगे जिनकी शिक्षा व शिक्षण कार्य में विशेष रुचि होगी। सिर्फ सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में नौकरी पाने के लिए B.Ed, D.El.Ed जैसे कोर्स करने वाले युवा इस क्षेत्र में नहीं आ पाएंगे।इससे शिक्षा जगत में वाले समय में एक अच्छा बदलाव आएगा। क्योंकि सिर्फ नौकरी पाने के लिए ही कोई भी डिग्री को हासिल नही कर पायेगा।
साथ ह़ी साथ इससे विद्यार्थियों का एक साल भी बचेगा। क्योंकि यह कोर्स सिर्फ चार साल का हैं।जबकि पहले B.A या B.Sc करने में तीन साल तथा B.Ed करने में दो साल लगते थे यानी कुल मिलाकर पांच साल।
Integrated Teacher Education Programme के लिए अधिकारिक वेबसाइट :-
Website — http://ncteindia.org
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