Train-18 का नाम बदलकर “वंदे भारत एक्सप्रेस / Vande Bharat Express” कर दिया गया है।क्या हैं “वंदे भारत एक्सप्रेस” की खासियत ? What is spacial about Vande Bharat Express?
Vande Bharat Express
देश में निर्मित पहली बिना इंजन वाली सेमी हाई स्पीड ट्रेन “वंदे भारत एक्सप्रेस / Vande Bharat Express or Train 18” की विशेषताएं।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का मेक इन इंडिया प्रोग्राम को लाँच करने का उद्देश्य यही था कि सभी बस्तुओं का निर्माण भारत में ह़ी हो ताकि बिदेशों से कम से कम बस्तुओं का आयात किया जाय और महंगाई में भी काबू पाया जा सके।
मेक इन इंडिया प्रोग्राम को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारा गया।अब इसके ” Vande Bharat Express / ट्रेन 18 ( T18) और ट्रेन 20 (T20) ” के जैसे सुखद व सफल परिणाम भी सामने आने लगे हैं। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत पूरी तरह से भारत में निर्मित Vande Bharat Express एक सेमी हाई स्पीड ट्रेन हैं। जिसको बनाने में सिर्फ 18 महीने का वक्त लगा।जब कि इस तरह की ट्रेन को बनाने में लगभग 2 से 3 साल का समय लगता है।
Vande Bharat Express ट्रेन को तैयार करने में सिर्फ 100 करोड़ रुपए की लागत आई है।अगर इसी ट्रेन को विदेश से मंगाया जाता तो इसकी कीमत लगभग दुगनी यानी 200 करोड़ रुपए के आसपास होती।
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Vande Bharat Express में लगने वाले 80 फ़ीसदी समान को मेक इन इंडिया के तहत हमारे देश में ही बनाया गया हैं।भारत के सबसे तेज दौड़ने वाली इस ट्रेन की खास बात यह है कि इसमें आपको दूसरी ट्रेनों की तरह इंजन नहीं दिखाई देगा।
सारी आधुनिक सुविधाओं से लैस बिना इंजन के दौड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को “बुलेट ट्रेन” के मॉडल पर तैयार किया गया है।यह पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड है।भारतीय रेलवे में इसे ” Next Generation Train (अगली पीढ़ी)” की ट्रेन भी कहा जा रहा है। भारतीय रेलवे की तरफ से भारतीय पटरियों पर सबसे तेज चलने वाली दो ट्रेनों ( T18 और T20) के निर्माण का फैसला लिया गया था।
इन दोनों ट्रेनों की खास बात यह है कि इनका निर्माण पूरी तरह भारत में किया जाएगा। पूरी तरह से इंजनलेस ये दोनों ट्रेनें राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेंगी।
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ट्रेन का नाम इतना बिचित्र (ट्रेन 18 या T18 और ट्रेन 20 या T20) क्यों ?
भारत की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन जो पूरी तरह से भारत में ही निर्मित की गई हैं। इसका निर्माण मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ 18 महीने में “इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) चेन्नई” के द्वरा किया गया।इन 18 महीने में इस ट्रेन का डिजाइन भी बनाया गया है और इसका निर्माण भी किया गया।और इसको वर्ष 2018 में ह़ी लाँच भी किया जा रहा हैं।इसी लिए इसे “ट्रेन 18” नाम दिया गया हैं।
अब इसका नाम बदल कर “वंदे भारत एक्सप्रेस / Vande Bharat Express” रख दिया गया है।ये ट्रेनों शताब्दी ट्रेन की जगह लेगी।यह ट्रेन लगभग 180 से 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हैं।
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ट्रेन 20 ( Vande Bharat Express)
इसी तरह ट्रेन 20 को वर्ष 2020 तक शुरू किए जाने की योजना है।यह ट्रेन भी ट्रेन 18 की तरह ही सेमी हाई स्पीड की गति से दौड़ने वाली और पूरी तरह से इंजन लेस होगी।यह भारत में बनने वाली दूसरी सबसे तेज चलने वाली ट्रेन होगी।लगभग 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की क्षमता वाली यह ट्रेन मुख्य रूप से लंबी दूरी की यात्रा तय करने के लिए बनाई जा रही है।
ये ट्रेनें राजधानी ट्रेनों की जगह लेगी। इसमें लगभग 291 कोच बनाए जाएंगे और तीनों प्रकार के स्लीपर कोच रखे जाएंगे (एसी फर्स्ट क्लास ,एसी सेकंड क्लास और एसी थर्ड क्लास)। इसमें भी सारी सुविधाएं लगभग ट्रेन 18 के जैसे ही रखी गयी है।
दोनों ट्रेनों की खास बात यह है कि दोनों ह़ी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरने वाली होंगी तथा इसमें विदेशी ट्रेनों के बेहतरीन फीचर्स शामिल होंगे। खास बात यह है कि यात्रियों को झटके नहीं लगेगे।
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भारतीय रेलवे की स्वदेशी तकनीक से बनी पहली ट्रेन सेट वंदे भारत एक्सप्रेस विशेषताएं (Special Feature of Vande Bharat Express)
- Vande Bharat Express पूरी तरह से भारतीय है।और पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है।
- वंदे भारत एक्सप्रेस को विशेष रूप से बुलेट ट्रेन के मॉडल पर तैयार किया गया है।
- चेन्नई के “इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF)” में तैयार यह ट्रेन “गतिमान ट्रेन“ की तरह ही 160 किलोमीटर से 220 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर चलेगी।जिससे ट्रेन के यात्रियों के समय में 10 से 15 फ़ीसदी की कमी आयेगी।यानी अन्य ट्रेनों की अपेक्षा अपने गंतब्य तक पहुचने में कम समय लेगी।
- इंडियन रेलवे की यह पहली ऐसी ट्रेन है जो मेट्रो की तरह का ही होगी।यानी इसको दौड़ने के लिए इंजन की जरूरत नहीं है।बल्कि ट्रेन के पहले और अंतिम कोच में ही इसके चलाने का बंदोबस्त होगा।यानी ट्रेन के दोनों छोर पर ड्राइविंग केविन होगें ।यह ट्रेन मेट्रो ट्रेन की तरह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर सेल्फ प्रोपेल्ड चलेंगी।
- वंदे भारत एक्सप्रेस पूरी तरह से स्टेनलेस स्टील कार बॉडी पर बनी है जो स्क्रू रहित हैं और जिसका आधार डिजाइन एलएचबी है।इसके कोच स्टेनलेस स्टील के होने की वजह से न सिर्फ हल्के होंगे बल्कि तेज रफ्तार भी चल सकेंगे।यही नही कोई हादसा होने पर इसकी बनावट की वजह से यात्रियों को चोटें कम आयेगी।
- सेंटर बफर कपलर लगे होने की वजह से हादसा होने पर कोच एक दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ेगी।
- Vande Bharat Express के लगभग 80% पार्ट्स का निर्माण भारत में ह़ी किया गया हैं।लेकिन ट्रेन के कुछ पार्ट्स जैसे ट्रेन में लगी विशेष सीट जो स्पेन से आयात की गयी है।इन्हें जरूरत पड़ने पर 360 डिग्री तक घुमाया जा सकता है।
- लंबे सफर के लिए ट्रेन में ऑन बोर्ड इंफोटेनमेंट की सुविधा दी गई है।
- रेलगाड़ी में कुल 16 चेयरकार कोच है।जिसमें 14 नाँँन एग्जीक्यूटिव कोच व 2 एग्जीक्यूटिव कोच हैं। वैकल्पिक कोच में मोटराइज्ड इंजन की व्यवस्था की गई है ताकि पूरी ट्रेन एक साथ तेजी से चल सके और रुक सके।
- जिस कोच में ड्राइविंग सिस्टम लगाया गया है उसमें 44 सीटें दी गई है।ट्रेन के बीच में दो एग्जीक्यूटिव कोच हैं जिसमें 52 सीटें होंगी। इसके अलावा अन्य कोचों में 78 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
- सामान्य रेलगाड़ियां एक ही दिशा में चलती है। इन गाड़ियों को दूसरी तरफ इंजन लगाकर मोडना पड़ता है जिससे समय और पैसे दोनों खर्च होते हैं ।लेकिन Vande Bharat Express एक ट्रेन सेट है।इसीलिए यह ट्रेन आगे और पीछे दोनों दिशाओं में चल सकती है।यानी इंजन लगाकर मोडने का झंझट नही हैं।
- किसी भी आपातकालीन स्थिति में सामान्य रेलगाड़ियां में जंजीरों को खींच कर ट्रेन रोकी जाती हैं लेकिन इस ट्रेन में दो इमरजेंसी स्विच लगाए गए हैं जो जंजीरों की जगह लेंगे।
- वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 16 कोच हैं और हर कोच में 6 सीसीटीवी(CCTV) कैमरा लगाए गए हैं।
- ड्राइवर के कोच में एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है जहां से यात्रियों पर नजर रखी जा सकती है।यात्री भी ड्राइवर के सीट का नजारा देख सकते हैं।
- आपातकालीन स्थिति में यात्री ट्रेन के ड्राइवर से संपर्क कर सकें।इसीलिए मेट्रो ट्रेनों की तरह ह़ी इसमें भी “टॉक बैक” की भी सुविधा दी गई है।
- यात्रियों के मनोरंजन के लिए एलइडी की सुविधा है।
- पूरे कोच में दोनों दिशाओं में एक ही बड़ी सी खिड़की होगी।
- Vande Bharat Express में हैलोजन मुक्त रबर- आँन -रबर का फर्श हैं।
- सामान रखने वाला रैक ज्यादा बढ़ा रहेगा। इसलिए यात्री अधिक सामान रख सकेंगे।
- दरवाजे परस्पर स्वत: ही जुड़े रहेंगे। दरवाजे को जोड़ने वाले क्षेत्र लंबा चौड़ा होगा।
- Vande Bharat Express में ऑटोमैटिक (स्वचालित ) दरवाजे लगे हैं।जिन्हें खोलना या बन्द करना नही पडेगा।दरवाजों पर स्लाइडर दरवाजे लगे होने की वजह से ट्रेन के रुकने पर ये बाहर की तरफ फ्लाइट होते हैं।चढ़ने के लिए फूड स्टेप्स बने हुए हैं।सीड़िया ट्रेन के फ्लोर और प्लेटफार्म के बीच की ऊंचाई के मुताबिक एग्जिट खुद ही हो जाएगी यानी रिट्रैक्टेबल सीढ़ियां होंगी।Vande Bharat Express में इलेक्ट्रो न्यूमेटिक सिस्टम लगे।
- ट्रेन में दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से दो बाथरूम बनाए गए हैं।
- बेबी केयर के लिए विशेष स्थान बनाया गया हैं।
- इसमें फ्री वाईफाई की सुबिधा दी गयी हैं।
- ट्रेन में सूचना देने के लिए स्पीकर रखे गए हैं।
- ट्रेन में जीपीएस बेस्ट पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम यानी जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी होगी।
- Vande Bharat Express में बेहतरीन आंतरिक अंदरूनी प्रकाश(डिफ्यूज लाइटिंग) की व्यवस्था की गई है।मल्टीलेवल लाइटिंग सिस्टम होने की वजह से बिजली की बचत होगी।
- जीरो डिस्चार्ज बायो वेक्यूम सिस्टम के साथ मॉड्यूलर शौचालय में एस्थेटिक टच फ्री बाथरूम की भी सुविधा है।
- इंटरसिटी ट्रैवल्स को और बेहतर बनाने के लिए यह ट्रेन कारगर है।
- इस तरह की ट्रेन में यात्रा का अनुभव बिल्कुल ही अलग होगा। इसे रिकॉर्ड 18 महीने में सोचा व तैयार किया गया है।
- Vande Bharat Express में यात्रियों की हर छोटी-बड़ी सुविधा का ध्यान रखा गया है।
- ट्रेन में एक छोटी मिनी पैंट्री भी होगी।
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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने वंदे भारत एक्सप्रेस ( Vande Bharat Express) के उद्घाटन पर कहा “यह गर्व की बात है कि भारत में पहली बार ऐसी ट्रेन बनाई है जिसे सीआईसीएफ ने सिर्फ 18 महीने के भीतर पूरा किया।2018-19 के भीतर ट्रेन की एक और इकाई का निर्माण किया जाएगा और 2019-20 के अंत तक चार और इकाइयों का निर्माण किया जाएगा “।
रेलवे कार्यवाहक महाप्रबंधक टीपी सिंह ने कहा कि “इससे अच्छी ट्रेन बन नही सकती,वंदे भारत एक्सप्रेस को तैयार करने में सिर्फ 100 करोड़ रुपए की लागत आई है”।उन्होंने आगे कहा “कोहरे के दौरान ट्रेन लेट जरूर होगी। लेकिन सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है।
इन Vande Bharat Express में विशेष डिवाइस लगाया गया है जो चालक को 300 मीटर पहले सिग्नल की जानकारी देगा। इसमें जीपीआरएस के माध्यम से मैपिंग होती है और रिफ्लेक्टर टेप का इस्तेमाल किया जा रहा है”।
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Vande Bharat Express का पहला ट्रायल व दूसरा ट्रायल
ट्रेन का पहला ट्रायल मुरादाबाद से बरेली के बीच में 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर किया गया था। इस दौरान देखा गया कि ट्रेन के पहियों की बेयरिंग सही से कार्य कर रहे हैं या नहीं कार्य। इस पर विशेष ध्यान दिया गया।
Vande Bharat Express का दूसरा ट्रायल कोटा से सवाई माधोपुर-कोटा-शामगढ़(राजस्थान) के बीच में किया गया।ट्रेन को 180 किलोमीटर की स्पीड से चलाया गया जो सफल रहा।
उम्मीद हैं कि जनवरी 2019 तक ट्रेन का ब्यावसायिक परिचालन शुरू हो जाएगा।
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देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन
इस बक्त देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन “गतिमान एक्सप्रेस” हैं।दिल्ली से झांसी के बीच लगभग 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं।ट्रेन 18 से पहले “टेल्गो ट्रेन” भी लगभग 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थी लेकिन यह ट्रेन स्पेन की थी।
Vande Bharat Express में सफर का आनंद बेहद खास अलग होगा और पूरी तरह से वातानुकूलित (एयरकंडीशन) यह सेमी हाई स्पीड ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
यह राजधानी तथा शताब्दी एक्सप्रेस शादी के बेड़े में शामिल होंगी और भविष्य में उनकी जगह लेंगी। इसकी गैलरी और फर्श किसी फाइव स्टार होटल के जैसे सुंदर व आरामदायक हैं।
Vande Bharat Express भारतीय रेलवे का यात्रियों को एक शानदार तोहफा हैं।
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