Success Story of An IPS Officer Safin Hasan

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“लहरों से डर कर कभी नौका पार नहीं होती ,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।” सोहनलाल द्धिवेदी 

सफीन हसन ( Safin Hasan)

(Success Story of An IPS Officer)

यह कहानी है गुजरात के सूरत में रहने वाले सफीन हसन की।जिन्होंने कभी भी कठिन हालातों के आगे अपने घुटने नहीं टेके।अपनी मेहनत ,अपने जुनून और दृढ़ संकल्प से उन्होंने न सिर्फ अपने सपने को साकार किया।बल्कि अब वो उन लाखों युवाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गये हैं ,जो थोड़ी सी कठिनाई में अपना हौसला खो देते हैं।और विपरीत हालातों से हार मान कर अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं।

Success Story of An IPS Safin Hasan

महज 22 वर्ष की उम्र में 570वी रैंक हासिल कर के गुजरात के सबसे कम उम्र में IPS अफसर बनने वाले सफीन हसन की यह कहानी बेहद प्रेरणादायक है। 

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सफीन हसन एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं।शुरुवाती दौर पर उनके माता-पिता सूरत के एक डायमंड यूनिट में काम करके परिवार का भरण पोषण करते थे।लेकिन कुछ कारण वश उनके माता-पिता की नौकरी चली गयी।इसके बाद घर के हालात खराब होते चले गये।और कभी-कभी पैसे की कमी के चलते पूरे परिवार को मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था।  

बचपन बीता आर्थिक तंगी में

(Success Story of An IPS Officer Safin Hasan)

सफीन हसन का बचपन आर्थिक अभावों में बीता।घर के हालत ठीक करने के लिए सफीन हसन के पिता ने इलेक्ट्रिशियन का काम और मां ने घरों व बरातों में रोटियों बनाना शुरू किया।परिवार के हालत को सुधारने और अपनी आमदनी को थोड़ा बढ़ाने के लिए सर्दियों के दिनों में इनके माता-पिता चाय व अंडे भी बेचा करते थे।जिसमें सफीन हसन भी मदद किया करते थे। घर के ख़राब हालात के कारण घर के सदस्यों को छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

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सफीन हसन बताते हैं कि बचपन में उनके सभी दोस्तों के पास साइकिल थी। मगर उनके पास साइकिल नहीं थी। जिससे उन्हें बहुत बुरा लगता है।इन्हीं खराब परिस्थितियों ने सफीन हसन के अंदर कुछ कर गुजरने का हौसला पैदा किया। उनके अंदर एक जुनून पैदा कर दिया।वो कहते हैं कि ” इन्हीं परिस्थियों ने मुझे Strong Motivation दिया।” 

सफीन हसन ने अपनी 10th और 12th की पढ़ाई अपने गांव के ही एक प्राइवेट स्कूल से की। उस वक्त इनकी माता आंगनवाड़ी में जाया करती थी। और सफीन हसन की पढ़ाई का खर्चा उससे ही पूरा किया करती थी।

सफीन हसन बताते हैं कि “उनके पिताजी उनसे हमेशा एक बात बोलते थे।कि जीवन में कोई भी काम अटकेगा नहीं।अगर आप उसे नेकी और इमानदारी के साथ कर रहे हैं तो।”

उन्होंने अपने घर में अपने माता पिता को हमेशा विपरीत हालातों से जूझते हुए देखा। हर पल पैसे की कमी को महसूस किया। इसीलिए उन्होंने जीवन में कुछ कर गुजरने की ठानी है ताकि उनके माता-पिता को इन हालातों से बाहर निकाला जा सके। 

जज का न्याय (A Motivational Story ) 

ICS बनने का सपना मन में जागा 

(Success Story of An IPS Officer Safin Hasan)

सफीन के मन में ICS बनने का सपना तब पलने लगा था।जब उनके गांव में उनके जिले के जिलाधिकारी दौरे पर आये थे।सफीन हसन ने एक इंटरव्यू में बताया कि “जब वो स्कूल में पढ़ते थे। तब एक बार उनके जिले के जिलाधिकारी ने उनके गांव का दौरा किया।

जब गांव में जिलाधिकारी आए। तो सब लोग उनसे मिलने को काफी उत्सुक थे।तब उन्होंने किसी से पूछा कि “यह कौन आए हैं। जिनसे मिलने हर कोई दौड़ा चला जा रहा है”।तब किसी ने उन्हें जवाब दिया कि आज गांव में जिलाधिकारी आए हैं।यह पूरे जिले का राजा होता है।इसीलिए उन्हें इतना सम्मान दिया जा रहा है।

दुल्हन ही दहेज हैं (A Motivational Story )

डीएम के रुतबे और उनके काम से प्रभावित होकर उन्होंने भविष्य में डीएम बनने का सपना अपने मन में पाल लिया।और उसी दिन उन्होंने अपने मन में ठान लिया कि उन्हें भी भविष्य में जिलाधिकारी ही बनना है। ” 

सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी

(सफीन हसन/ Safin Hasan):(Success Story of An IPS Officer)

इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी सफीन हसन ने एक सपना देखा।और उस सपने को पूरा करने में अपनी पूरी मेहनत से जुट गए।स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद सफीन हसन ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। 12वीं की पढ़ाई के बाद सफीन हसन दिल्ली आए और खुद से वादा किया कि पहले प्रयास में ही उन्हें सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करनी है।

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और इसी के साथ ही उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारियां भी शुरू कर दी।यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली आए।दिल्ली में 2 साल तक रहने और पढ़ने के लिए पैसों की कमी होने की वजह से उन्हें गुजरात के ही एक परिवार से मदद लेनी पड़ी।

(सफीन हसन/ Safin Hasan) : (Success Story of An IPS Officer)

सफीन हसन जब सिविल सर्विसेज का Main Exam  देने जा रहे थे। तब उनका एक्सीडेंट हो गया।उनके सिर में काफी चोट आई।जहां से खून बह रहा था।और उनके बाएं हाथ की हड्डी भी टूट चुकी थी।लेकिन उन्होंने देखा कि उनका दाहिना हाथ सही है।इसीलिए वो एक्सीडेंट के बाद अस्पताल या घर जाने के बजाय अपने सिर में कपड़ा बाँध कर Main Exams देने चले गए।

उसके बाद डॉक्टर ने उन्हें डेढ़ महीने के आराम के लिए कहा।ठीक होने के बाद वो फिर से अपने लक्ष्य पूरा करने में जुट गए।लेकिन इंटरव्यू से पहले बीमारी के चलते फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इसके बाद भी उन्होंने इंटरव्यू दिया। और इंटरव्यू में second Highest marks प्राप्त किये। 

सफल गृहणी या सुखी गृहणी (A Motivational Story )

सफीन हसन जैसे युवा इस देश के लाखों नौजवानों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनकी जिंदगी, उनका संघर्ष ,लक्ष्य को पूरा करने के उनके जूनून ने ही उन्हें गुजरात का सबसे कम उम्र का IPS ऑफिसर बनाया।

सफीन हसन से जब एक इंटरव्यू  में पूछा कि “वो अगर बदल सकते तो, वो अपनी जिंदगी में क्या बदलते ? उन्होंने जबाब दिया “कुछ नहीं ,क्योंकि उन्हीं हालातों की वजह से तो मैं आज यहां हूँ।उन्होंने ही तो मुझे यहाँ पहुँचने की प्रेरणा दी। “

सफीन हसन कहते हैं कि “आचार्य चाणक्य एक सीख हम सब को दे गए।जब धनानंद की बेटी से चंद्रगुप्त को प्यार हो गया था।जब ये बात आचार्य चाणक्य को पता चली तो उन्होंने चंद्रगुप्त को उससे दूर रहने को कहा। तब चंद्रगुप्त ने आचार्य से पूछा कि “आचार्य अगर भारत का सम्राट बनने के लिए इतना त्याग ना देना होता तो”। तब आचार्य ने कहा “अगर यह बिना त्याग के ऐसे ही मिल जाता तो , कोई भी भारत का सम्राट न बन जाता”।

सफीन हसन कहते हैं कि “ऐसे ही अगर बिना किसी मेहनत व त्याग तपस्या के IAS/ IPS बन जाते तो ,हर कोई IAS / IPS न बन जाता”। 

सफीन हसन जैसे युवाओं को सलाम हैं। जिन्होनें अपनी मेहनत व लगन से सिद्ध कर दिया कि दुनिया में असंभव कुछ नहीं हैं। 

(Success Story of An IPS Officer Safin Hasan)

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