Ladakh India :लद्दाख बना भारत का नया केंद्र शासित प्रदेश।

Ladakh India , Leh Ladakh India , A New Union Territory in India Ladakh ,लद्दाख बना भारत का नया केंद्र शासित प्रदेश।जानिए इससे क्या फायदा होगा लद्दाख को,लद्दाख को क्यों कहा जाता है “बर्फीला रेगिस्तान”।

Ladakh India

बौद्ध सभ्यता, संस्कृति, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के लिए विश्व भर में प्रसिद्द लद्दाख प्राकृतिक रूप से भी बहुत खूबसूरत है।लद्दाख के लोग धर्म व आध्यात्म से जुड़े लोग हैं जो भगवान पर अटूट विश्वास करते हैं।यह धरती “लामाओं की धरती” हैं।इसीलिए इस भूमि को “चंद्रभूमि” भी कहते हैं।यहां धर्म बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं।

लद्दाख (ladakh india) में अधिकतर पहाड़ ऊंचे, विशाल,पथरीले व नंगे हैं जिनमें हरियाली व पेड़ पौधे नाममात्र के ही है।वजह यहां बारिश का बहुत कम होना हैं।वैसे भी लद्दाख एक ऊंचा पठार है जिसका अधिकतर हिस्सा 3500 मीटर से ऊंचा है।जहाँ इंसानों के रहने लायक जगह बहुत कम है।यहां के लोगों की कमाई का मुख्य जरिया पर्यटन है

leh ladakh india

जानें मिशन चंद्रयान-2 के बारे में ?

आज से 72 साल पहले भारत में जम्मू कश्मीर के विलय के साथ ही लद्दाख को जम्मू कश्मीर राज्य से जोड़ दिया गया था।जम्मू कश्मीर और लद्दाख की संस्कृति कतई मेल नहीं खाती है।साथ ही सरकार व शासन प्रशासन द्वारा साधनों,संसाधनों के बंटवारे में भेदभाव के कारण भी इस क्षेत्र का समुचित विकास नहीं हो पाया

और यहां के लोगों को हमेशा ही उपेक्षा झेलनी पड़ी।लद्दाख को राज्य के प्रशासनिक ढांचे और सरकारी नौकरियों में भी समुचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।इसी वजह से यहां के लोग लम्बे समय से इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की मांग करते रहे हैं।यह क्षेत्र पाकिस्तान और चीन से सटा हुआ होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से भी काफी संवेदनशील माना जाता है।

2011 की जनगणना के अनुसार लद्दाख की कुल जनसंख्या 2,74,289 थी।कारगिल जिले की जनसंख्या 1,40,802 थी और लेह जिले में 1,33,487 लोग रहते थे।यहां की जनसंख्या मुख्य रूप से लेह और कारगिल जिलों में रहती है।कारगिल मुस्लिम बहुसंख्यक और लेह बौद्ध बहुसंख्यक इलाका हैं।

कारगिल में 76.87% आबादी मुस्लिमों की थी जिनमें अधिकांश शिया मुस्लिम थे। जबकि लेह में 66.40% लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले थे।

कौन है चंद्रयान-2 को सफल बनाने वाली दो महिलाएं,जानें  

लद्दाख के पूर्वी भाग में ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं जबकि पश्चिमी भाग में ज्यादातर लोग मुसलमान हैं।लद्दाख में जनसंख्या का घनत्व बहुत कम है।और यहां के ज्यादातर लोग घुमक्कड़ हैं।लद्दाख समुद्र तल से 9842 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।लद्दाख 31 अक्टूबर 2019 को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आ जाएगा।लद्दाख के अंतर्गत नोबरा ,लेह ,कारगिल और जंस्कार कुल 4 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 

जम्मू कश्मीर में लगाई गई धारा 370 क्या है?

भाषा (Language of Ladakh India)

लद्दाख के लोग ज्यादातर लद्दाखी,पुरिंग,तिब्बती,हिंदी आदि भाषाएँ बोलते हैं।

लद्दाख का क्षेत्रफल ( Area of Ladakh India)

लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले जम्मू कश्मीर राज्य का एक हिस्सा था।तब इसका क्षेत्रफल जम्मू कश्मीर राज्य के कुल का क्षेत्रफल का 68% था।22% भाग में जम्मू-कश्मीर दोनों क्षेत्र आते हैं।क्षेत्रफल के हिसाब से भी लद्दाख भारत का सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र हैं।

लद्दाख का कुल क्षेत्रफल 59,196 किलोमीटर है जिसमें लेह का भूभाग 45,110(76%) किलोमीटर और कारगिल का 14,086 (24%) किलोमीटर भूभाग है।

मोटर वाहन संशोधन बिल 2019 के बारे में जाने?

लंबे समय से थी अलग प्रदेश की मांग

चाहे भौगोलिक कारण हो, या चाहे सांस्कृतिक व धार्मिक कारण हो या कोई अन्य कारण।ऊपर से लद्दाख की संस्कृति जम्मू कश्मीर की संस्कृति से मेल नहीं खाती थी।इसीलिए लद्दाख के लोगों की लद्दाख को अलग प्रदेश बनाने की मांग लंबे समय से थी।

लेह लद्दाख के लोगों का कहना था कि 1947 में विभाजन के समय ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से जोड़ना गलत था।जम्मू-कश्मीर की हर सरकार ने उनके साथ भेदभाव या सौतेला व्यवहार किया।उन्होनें सारी योजनाएं सिर्फ जम्मू कश्मीर को ही ध्यान में रख कर बनाई।लद्दाख के लिए कभी सोचा ही नही।जिस कारण लद्दाख (Ladakh India) में विकास का पहिया कभी चला ही नहीं।

जम्मू कश्मीर में थे तीन डिविजन 

जम्मू कश्मीर राज्य को 3 डिविजन में बांटा गया था।

  1. जम्मू डिविजन (Jammu India)
  2. कश्मीर डिविजन (Kashmir India)
  3. लद्दाख डिविजन (Ladakh India)

स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम क्या है जानें

जम्मू कश्मीर में थे 22 जिले 

जम्मू कश्मीर 22 जिलों में बांटा गया था।जिसमें से जम्मू डिवीजन में 10 जिले और कश्मीर डिविजन में भी 10 जिले है जबकि लद्दाख डिवीजन में सिर्फ 2 जिले शामिल है।

लद्दाख के 2 जिले (Two District in Ladakh India)

लद्दाख 2 जिलों से मिलकर बना है।लेह और कारगिल।केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी इन जिलों के स्थिति यथावत रखी गई है।

लेह जिला ( Leh District)

लेह “ठंडे मरुस्थल” के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।क्षेत्रफल के हिसाब से लेह भारत का दूसरा सबसे बड़ा जिला है।लेह में बौद्ध धर्म के मानने वाले लोगों की जनसंख्या ज्यादा है लगभग 66%।जबकि हिंदू 20% और मुस्लिम सिर्फ 14% रहते हैं।

दीक्षारंभ  और परामर्श योजनाएं क्या है जानें

कारगिल जिला (Kargil District)

कारगिल कश्मीर से जुड़ा हुआ इलाका है।कारगिल में मुसलमानों की जनसंख्या अधिक है लगभग 77%।जबकि बौद्ध 14% और सिर्फ 9% हिंदू और सिक्ख हैं।

कारगिल ज़िला 1999 में आया सुर्ख़ियों में

सन 1999 में कारगिल तब सुर्ख़ियों में आया जब इसकी ऊंची चोटीयों पर पाकिस्तान ने कब्जा करने का प्रयास किया था।पर भारतीय सेना ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना से लोहा लिया और उन्हें कारगिल की चोटियों को छोड़ने को मजबूर कर दिया।

कारगिल की इस चोटी को फतह करते हुए भारत माता के न जाने कितने ही शूरवीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी।लेकिन तिरंगे झंडे को कारगिल की उस ऊंची चोटी पर फिर से लहरा दिया।इस युद्ध को “ऑपरेशन विजय” के नाम से जाना जाता है। 

जम्मू कश्मीर में धारा 370 कैसे खत्म हुई जानिए?

लोकसभा सीटें

यहां लेह और कारगिल 2 लोकसभा सीटें हैं।जहां से सांसद चुनकर लोकसभा तक पहुंचते हैं।

लद्दाख सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।(Why Ladakh is important)

यह एक सीमावर्ती इलाका है।और इस दृष्टि से इसका सामरिक महत्व बहुत अधिक है।लद्दाख की राजधानी लेह है।लद्दाख एक सीमावर्ती क्षेत्र है जिसके एक तरफ चीन तो दूसरी तरफ पाकिस्तान है।लद्दाख उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच स्थित है।लद्दाख के उत्तर में पड़ोसी देश चीन है तो पूर्व में उसकी सीमाएं तिब्बत से मिलती हैं।लद्दाख का प्रमुख व बड़ा शहर लेह है।

लद्दाख जाने के दो मुख्य मार्ग हैं एक श्रीनगर, दूसरा मनाली लेह राजमार्गलद्दाख जाने के लिए यह नया छोटा मार्ग बनाया गया है जो काफी ऊंचाई पर बना है।यह मार्ग केवल मई से सितंबर तक ही खुला रहता हैं बाकी समय यहां बर्फ जमी रहती है।

वैसे लद्दाख पहले भी कई अहम व्यापारिक रास्तों का प्रमुख केंद था।एक समय में लद्दाख मध्य एशिया से कारोबार का एक बड़ा गढ़ था।सिल्क रूट की एक शाखा लद्दाख से होकर गुजरती थी।

नेशनल मेडिकल कमीशन बिल क्या है जानें?

 अलग प्रदेश की मांग पर एक नजर

पिछले 4 दशकों से लद्दाख में जम्मू कश्मीर से अलग किए जाने की मांग उठती रही है।साल 1979 में लद्दाख को 2 जिलों (लेह और कारगिल) में बांटा गया था।सन 1989 में लद्दाख में अलग राज्य  की मांग ने जोर पकड़ा जिसके व्यापत अनेक आंदोलन हुए।जिसका परिणाम लद्दाख को “स्वायत्त हिल डेवलपमेंट काउंसलिंग” के रूप में मिला।अमूमन शांत रहने वाले इस क्षेत्र में सन 1989 में पहली बार बौद्धों और मुसलमानों के बीच दंगे हुए थे।

थुप्स्तन छिवांग ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

लद्दाख (Ladakh India) को केंद्र शासित प्रदेश बनाने में थुप्स्तन छिवांग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।थुप्स्तन छिवांग दो बार सांसद सदस्य भी रह चुके हैं।भारत की आजादी के साथ ही इस क्षेत्र में यह मांग उठती रही कि लद्दाख को कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए।और लगभग पिछले 40 सालों से अलग प्रदेश बनाने की मांग को लेकर थुप्स्तन छिवांग ने काफी संधर्ष किया।

थुप्स्तन छिवांग ने वर्ष 1989 में “लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन” का गठन किया और 2002 में “लद्दाख यूनियन टेरिटरी फ्रंट” बनाने में भी मुख्य भूमिका निभाई थी।

विश्व परिवार दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

2004 के लोकसभा चुनाव में थुप्स्तन छिवांग ने  “लद्दाख यूनियन टेरिटरी फ्रंट”  के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और सांसद बने।और अलग प्रदेश का अपना संधर्ष जारी रखा।2005 में लद्दाख यूनियन टेरिटरी फ्रंट ने लेह पर्वतीय स्वायत्त परिषद की 26 में से 24 सीटें जीती थी।

सन 2010 लद्दाख यूनियन टेरिटरी फ्रंट, भाजपा में शामिल हो गया।वर्ष 2014 में थुप्स्तन छिवांग फिर सांसद बने।और केंद्र पर लगातार लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए दबाव डालते रहे।

लेकिन अपनी मांग पूरी न होती देख उन्होंने सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया।बहुत मनाने के बाद भी वह 2019 में भाजपा के उम्मीदवार बनने को तैयार नहीं हुए।लेकिन लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिलाने की उनकी ईमानदार कोशिश के लिए उनको हमेशा एक नायक के रूप में याद किया जायेगा।वर्तमान (2019)में इस क्षेत्र से भाजपा के जामयांग सेरिंग नामग्याल सांसद हैं।

 क्या है प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना ?

लद्दाख की अलग हैं संस्कृति जम्मू कश्मीर से

लद्दाख की संस्कृति जम्मू कश्मीर की संस्कृति से मेल नहीं खाती हैं जहाँ जम्मू कश्मीर मुस्लिम बाहुल्य इलाका है जिनकी भेष-भूषा,खानपान,रहन सहन व अलग सांस्कृतिक पहचान है।वहीं लद्दाख में बौद्ध आबादी ज्यादा है।जिनकी भेष-भूषा,खानपान,रहन सहन व अलग सांस्कृति है।

यहाँ अनेक बौद्ध मठ बने हुए हैं।जहाँ बौद्ध धर्मावलंभी या बौद्ध मिक्षुक निवास करते है।बौद्ध धर्मावलंभी लोग अहिंसा में विश्वास रखते हैं।ये शांति प्रिय लोग होते है।

लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से फायदा (Ladakh India is a new of Union Territory)

जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अभी तक अनुच्छेद 370 के कारण केंद्र द्वारा पारित कोई भी कानून तत्काल प्रभाव से लागू नहीं किया जाता था।केंद्र सरकार द्वारा चलायी गई कई लोक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन भी नहीं हो पाता था।जिस वजह से लद्दाख का विकास ही नहीं हो पाया।अब अनुच्छेद 370 हटाए जाने व अलग केंद्र शासित प्रदेश के बनने से लद्दाख को निश्चित रूप से फायदा होगा

  • संस्कृति को मिलेगी एक अलग पहचान :-केंद्र शासित प्रदेश बन जाने से लद्दाख (Ladakh India) की संस्कृति को एक अलग पहचान व नाम मिलेगा।
  • शिक्षा का अधिकार(RTE):- शिक्षा के अधिकार के तहत अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 से 14 साल की उम्र के सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा मिलेगी।अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का कानून अभी तक जम्मू कश्मीर में लागू नहीं था।
  • प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा

क्या है अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना जानें 

  • अल्पसंख्यक कानून को भी अब लागू किए जाने जाएगा।
  • केंद्र सरकार द्वारा चलायी गई सभी लोक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाएगा।जिससे समाज के हर वर्ग को फायदा होगा।
  • राज्य में स्थानीय उपलब्ध कच्चे माल से नये छोटे बड़े उद्योग धंधे स्थापित होगें
  • युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने की कोशिश की जाएगी
  • रुके हुए विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने की कोशिश की जाएगी
  • पर्यटन के क्षेत्र पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।लद्दाख में हर साल लगभग एक लाख से भी ज्यादा लोग घूमने आते हैं जो वहां की स्थानीय आबादी के आय का मुख्य स्रोत है।
  • गरीब सवर्ण को 10%आरक्षण का लाभ मिलेगा
  • लद्दाख के लोगों को प्रशासनिक ढांचे और सरकारी नौकरियों में भी समुचित प्रतिनिधित्व दिया जायेगा
  • सभी मुख्य सरकारी आफिस व विभाग जम्मू या कश्मीर में स्थित होने के कारण लद्दाख के लोगों को अपने महत्वपूर्ण सरकारी कामों को निपटाने के लिए जम्मू या कश्मीर जाना पड़ता था।लेकिन अब लद्दाख में ही उनके काम बनेंगे।

क्या है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जानें ?

लद्दाख की कुछ दिलचस्प बातें (Interesting Fact about Ladakh India)

  • लद्दाख भारत का सबसे ऊंचाई पर बसा एक केंद्र शासित प्रदेश है।
  • लद्दाख (Ladakh India) की अधिकांश भूमि कृषि योग्य नहीं हैं।अधिकतर पहाड़ नंगे हैं।जिनमें हरियाली व पेड़ पौधे बहुत कम है।
  • लद्दाख में गर्मियों के मौसम में तापमान सामान्य रहता है।जबकि सर्दियों का तापमान माइंस से बहुत नीचे पहुंच जाता है।
  • लद्दाख का मुख्य खेल आइस हॉकी है।यह सर्दियों के मौसम में खेला जाता है।
  • लद्दाख (Ladakh India) का वैली ब्रिज विश्व का सबसे ऊंचा ब्रिज है।जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5602 मीटर है।इस पुल का निर्माण भारतीय सैनिकों द्वारा 1982 में किया गया था।
  • यहां की सर्वाधिक ऊंची चोटियां गॉडविन आस्टिन(8,611 मीटर)और गाशरब्रूम(8,086 मीटर)है
  • लेह से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर मैग्नेटिक हिल यानि चुंबकीय पहाड़ी है।यह एक  रहस्यमई जगह है क्योंकि यहां पर कोई भी वस्तु विपरीत दिशा में अपने आप चली जाती है।
  • यहां का जलवायु शुष्क एवं कठोर है।नदियों में कुछ समय के लिए ही पानी बहता है।शेष समय नदीयों का पानी जम कर बर्फ बन जाता है।
  • लद्दाख (Ladakh India) की मुख्य नदी जन्स्कार नदी को “चादर ट्रेक” कहा जाता हैं।जो सर्दी के मौसम में पूरी तरह जम जाती है।इस वक्त लोग इस नदी के ऊपर जमी वर्फ के कारण इसके ऊपर से आसानी से चलकर इसे पार कर लेते हैं।
  • यहां की नूरबा घाटी की शान दो कूबड़ वाले ऊंट हैं।जो पूरे भारत में सिर्फ यही पाए जाते हैं।

क्या है इमोजी,इमोजी का जन्म कहां और कब कैसे हुआ जानें ?

  • हेमिस गोंपा बौद्धों का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है।
  • सिंधु नदी लद्दाख की मुख्य नदी है। 
  • लद्दाख की 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पंगोल झील दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील है।जो खारा पानी होने के बावजूद भी जम जाती है।
  • यहां करीब 200 हिम तेंदुए हैं।
  • लद्दाख (Ladakh India) के ज्यादातर क्षेत्रों में भूकंप आते हैं जिसकी वजह से यहां पर 5000 मीटर से 7000 मीटर तक की बड़ी व ऊंचीं पर्वतों श्रृंखलाएं बनी है।

हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल 2019 जानें ?

कभी अलग राज्य था लद्दाख

लद्दाख (Ladakh India) पहले भी जम्मू कश्मीर से अलग था।842 ई. में एक तिब्बती शाही प्रतिनिधि ने लद्दाख में लद्दाखी राजवंश की स्थापना की थी।10 वीं शताब्दी के दौरान लद्दाख तिब्बती राजाओं के शासन में था।

18वीं शताब्दी में लद्दाख और बाल्टिस्तान को जम्मू कश्मीर के क्षेत्र में शामिल किया गया।1947 में भारत के विभाजन के बाद बाल्टिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा बना।जबकि लद्दाख भारत का हिस्सा बना।

लद्दाख की भूमि को कहते हैं चंद्रभूमि यानि चांद की धरती

लद्दाख (Ladakh India) की भूमि को यूँ ही नहीं चंद्रभूमि कहते हैं।यह लोग सीधे-साधे,शांतिप्रिय ,नरम दिल व परोपकारी लेकिन ताकतवर व शूरवीर होते हैं।यहां के लोग भगवान और धर्म में अटूट आस्था रखते हैं।ये व्यर्थ के वाद विवाद व लड़ाई झगड़ों से कोसों दूर रहते है।प्रेयर व्हील और स्तूप बौद्ध संस्कृति की पहचान है। 

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम क्या है?

प्रेयर व्हील और स्तूप है यहाँ की खासियत

प्रेयर व्हील/ प्रार्थना चक्र

यहाँ बड़ी संख्या में प्रेयर व्हील यानी प्रार्थना चक्र देखने को मिलते हैं और जिनको लोग समय समय घुमाते रहते हैं क्योंकि इनका विश्वास है कि इनको घुमाने से सारे पाप व कष्ट मिट जाते हैं।लद्दाखी भाषा में इन प्रेयर व्हील को “माने तंजर” कहा जाता है।ये तांबे से बने होते हैं जिनकी ऊंचाई लगभग 5 से 6 फुट के बीच में होती है।इन चक्रों में “ओम मने पदमने हों “मंत्र लिखा होता है।

ये सभी चक्र बराबर दूरियों में लगाये जाते हैं जो अपनी धुरियों पर घूमते हैं।इस को घुमाने के लिए कोई निश्चित समय नहीं होता।जब भी इच्छा होती है।ये लोग इन्हें घुमा लेते हैं।प्रार्थना चक्र लद्दाख में हर जगह देखने को मिलते हैं।

स्तूप

लेह लद्दाख (Leh Ladakh India) में स्तूप(बौद्ध मंदिर जिन्हें स्तूप कहा जाता है) बहुत अधिक संख्या में हैंहालांकि इन इस स्तूपों के अंदर कोई भी मूर्ति नहीं रखी जाती है।लेह लद्दाख में रहने वाला हर परिवार एक स्तूप अवश्य बनाता है

लामा बनकर करते है ब्रह्मचर्य का पालन

लद्दाखी लोग धर्म कर्म व भगवान में अटूट आस्था रखते है।अपनी इसी धार्मिक आस्था के कारण कुछ लोग अपने बेटों को लामा बनने के लिए बौद्ध मठों में भेज देते हैजो वहीं रह कर ब्रह्मचर्य का पालन कर अपनी शिक्षा दीक्षा ग्रहण करते हैऔर जो बड़े होकर धार्मिक कार्यों में लग जाते हैंइसीलिए यह भूमि चन्द्र भूमि मानी जाती है

You are most welcome to share your comments.If you like this post.Then please share it.Thanks for visiting.

यह भी पढ़ें……

प्रधानमंत्री कौशल भारत योजना

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक योजना

क्या है प्रधानमंत्री जन धन योजना

क्या है प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना

क्या है मिशन शक्ति ?

 क्यों लगाई जाती है चुनाव में आचार संहिता