I am a village योजना से बदलेगी उत्तराखंड के गावों की तस्वीर

I am a village यानि “मैं एक गांव हूं” योजना से रुकेगा उत्तराखंड के गावों से युवाओं का पलायन“इंटीग्रेटेड मॉडर्न एग्रीकल्चर विलेज(IMAV)”बनाने की है तैयारी

I am a village

उत्तराखंड के पहाड़ी भू-भाग में “पलायन” नाम की समस्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही हैअब तो यह समस्या सरकार के लिए भी एक चुनौती बन कर खड़ी हो गई हैउत्तराखंड के पहाड़ी भू-भाग में दिनोंदिन खाली होते गांव, बंजर होती जमीनों और अपना गांव, घऱ, खेती-बाड़ी छोड़कर पलायन करते नौजवान सरकार की मुख्य चिंता का विषय बने हुए हैं

सरकार इस समस्या से निपटने के लिए कई योजनाओं में काम कर रही है ताकि पहाड़ के गांवों को फिर से आबाद किया जाए और पहाड़ के नौजवानों की घर वापसी सुनिश्चित की जा सके

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नौजवानों को अपने गांव, घरों में ही रोजगार देकर, खंडहर होते मकानों को फिर से आबाद करने ,पहाड़ के गांवों की रौनक फिर से लौटाने के लिए एक योजना की जरूरत थी । 

सो युवाओं को कृषि संबंधी कार्यों के लिए प्रोत्साहित करने, पलायन जैसी भयंकर समस्या से मुक्ति पाने के लिए उत्तराखंड सरकार “मैं एक गांव हूँ/I am a village” योजना का शुभारंभ करने जा रही है।जिसके तहत अगले 5 सालों में राज्य के 475 गांवों का कायाकल्प करने का फैसला लिया गया है

क्या है मैं एक गांव हूँ/ I am a village योजना

अन्नदाता ही गांव की असली पहचान होते हैंऔर जिस राज्य का किसान खुशहाल है वो राज्य अपने आप समृद्धिवान होता हैइसीलिए उत्तराखंड सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने  तथा राज्य से किसानों ,नौजवानों का पलायन रोकने के लिए “मैं एक गांव हूँ /I am a village” योजना का शुभारंभ करने जा रही है

जिसके तहत अगले 5 सालों में राज्य के 475 गांवों का कायाकल्प करने का फैसला लिया गया है” 

5 वर्ष और 475 गांव

I am a village  के तहत उत्तराखंड सरकार आने वाले 5 वर्षो में उत्तराखंड के 475 गांवों की तस्वीर बदलने का प्रयास करेगीइस योजना (I am a village)  के तहत आने वाले 5 साल में 475 गांवों को कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों से जोड़ने तथा लोगों को कृषि करने के लिए प्रेरित करने के लिए गांवों को सभी जरूरी सुविधाओं मुहैया कराई जायेगी

इसके लिए हर गांव में एक से डेढ़ करोड़ रुपए तक की धनराशि खर्च की जाएगी कृषि को लाभकारी बनाने के साथ-साथ राज्य के सभी लोगों को इससे जोड़ने की कोशिश राज्य सरकार द्वारा की जा रही है

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योजना का मुख्य उद्देश्य (Aim of I am a village)

यह एक “एकीकृत आदर्श ग्राम योजना” हैजिसका उद्देश्य गांवों से पलायन कर गए लोगों को फिर से गावों की ओर वापस लाना तथा उन्हें कृषि कार्य के लिए प्रेरित करना है

कृषकों को कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों (जैसे पशुपालन, मुर्गी, मधुमक्खी पालन, मछली पालन) से जोड़कर उनकी आय को दोगुना करना तथा गावों में सामूहिक खेती को बढ़ावा देना इसके उद्देश्यों में शामिल है

विभाग व मंत्री

इस योजना (I am a village) का संचालन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा।वर्तमान में कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल इस योजना के प्रमुख होगें।

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बजट (Budget of I am a village)

इस योजना (I am a village) के तहत हर गांव को विकसित करने तथा उन्हें कृषि संबंधी सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एक से डेढ़ करोड़ रुपए तक दिये जाएंगे।गांवों को हर सुविधा से लैस किया जाएगा।

विकास खंड

इस वक्त उत्तराखंड में कुल 95 विकास खंड हैंऔर प्रत्येक वर्ष हर विकासखंड में से एक गांव का (यानि एक साल में 95 गांवों) चयन किया जायेगा।इस तरह धीरे-धीरे आने वाले पाँच सालों में उत्तराखंड के 475 गांवों में यह योजना शुरू की जाएगी

प्रत्येक वर्ष हर विकासखंड में एक मॉडल गांव होगा विकसित

आने वाले 5 सालों में प्रत्येक वर्ष हर विकासखंड में से एक गांव चयन किया जायेगा।जिसे “मॉडल गांव” के रूप में विकसित किया जायेगा।इन गांवों को इस तरह से विकसित किया जाएगा जिनमें कृषि और उससे जुड़े अन्य क्षेत्रों के कार्यों को करने हेतु सभी सुबिधायें मौजूद होगी

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अन्य क्षेत्रों में भी फोकस किया जाएगा

एक ओर जहाँ कृषि क्षेत्र से लोगों को जोड़ा जायेगा वही दूसरी तरफ लोगों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए अन्य क्षेत्रों जैसे सोलर फैसिंग ,सिंचाई सुविधा, फार्मर्स मशीनरी बैंक , कलेक्शन सेंटर, पशुपालन, मुर्गी, मधुमक्खी पालन ,मछली पालन पर भी फोकस किया जाएगा

योजना के तहत होने वाले सभी कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन भी किया जाएगा।इसके साथ ही किसानों द्वारा उगाये गये कृषि उत्पादों के विपणन की व्यवस्था भी की जाएगी।फल व सब्जियों खराब न हो इसके लिए कोल्ड स्टोरेज भी विकसित किए जाएंगे।

100 लोगों का समूह बनाकर किया जायेगा कार्य

इस योजना को सुचारु रूप से चलाने व सफल बनाने के लिए गावों में लोगों का समूह बनाकर काम किया जायेगा।गावों में लगभग 100-100 लोगों का समूह बनाकर उन्हें कृषि ,उद्यान (फल व सब्जियों) ,पशुपालन ,मत्स्य पालन, मौन पालन, कुक्कुट पालन करने के लिए प्रेरित किया जायेगा।तथा इन समूहों को 15 लाख रूपये तक का ऋण भी दिया जाएगा

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लेकिन इन समूहों को अपनी योजनायें खुद ही तैयार करनी होगी और अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन भी उन्हें खुद ही करना होगा।तथा आपसी समन्वय से बेहतर परिणाम भी देने होंगे

यह योजना पूरी तरह से प्रदर्शन पर आधारित होगी और लोगों को 15 लाख तक का ऋण उनके प्रदर्शन के आधार पर ही मिलेगाइस योजना में समूहों के कार्यों पर जनपद तथा विकास खंड स्तर पर निगरानी की जाएगी

पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जायेगा 

कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य पालन, मौन पालन, कुक्कुट पालन आदि के लिए एक पूरा का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जायेगा

इस योजना में किसानों को खाद, बीज, आधुनिक कृषि यंत्र,मिट्टी की गुणवत्ता ,बागवानी तथा आधुनिक तरीके से कृषि करने से संबंधित हर जानकारी व प्रशिक्षण कृषि विभाग द्वारा दिया जाएगा ताकि परिणाम बेहतर निकल सकें

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अमेरिका के गांवों से मिली प्रेरणा

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि “मैं एक गांव योजना को बनाने की प्रेरणा उन्हें अमेरिका से मिली थीजब वो एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका गए थेतब उन्होंने देखा कि कैसे अमेरिका के एक गांव में सभी किसान मिलकर खेती से लेकर डेयरी तक का कारोबार कर, हर महीने करोड़ों रुपए कमा रहे हैं

उन्होंने कहा कि गांव की डेयरियों में 8 से 10 हजार तक गाय-भैंस देखकर मैं हैरान थाभारत लौटकर इसी तरह की योजना यहाँ के गावों में भी चलाने का विचार मैंने सरकार के समक्ष रखा

जिसे केंद सरकार ने मान लिया और इस तरह के गांव विकसित करने की स्वीकृति दे दी।अब मेरिका के गांवों की तर्ज पर भारत के गावों में भी इस योजना को सफल बनाने की कोशिश की जा रही है”

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पलायन कर गए लोगों को इस योजना से जोड़ने के कोशिश

इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों से पलायन कर गए लोगों को फिर से गावों की ओर वापस लाना तथा उन्हें कृषि तथा अन्य कार्यों के लिए प्रेरित करना है इसलिए पलायन कर गए लोगों को इस मुहिम से जोड़ने की भरपूर कोशिश की जाएगी

केंद सरकार का लक्ष्य 2022 तक सभी किसानों की आय को दुगना करने का हैकिसानों के कल्याण के लिए केंद्र स्तर व राज्य स्तर पर चलने वाली सभी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो,इसके लिए सरकार वचनबद्ध है

इसीलिये अब सरकार खुद इन मॉडर्न गांवों के जरिए किसानों तक पहुंचेगीअगर यह योजना सफल रही तो फिर सरकार न्याय पंचायत स्तर पर मॉडर्न विलेज विकसित करेगी

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